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लैंसेट समिति ने दिया केंद्रीकृत वैक्सीन खरीद-वितरण का सुझाव, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को नकद भुगतान की सिफारिश

देश में कोरोना के मामलो पर गठित लैंसेट की विशेषज्ञों की एक समिति ने महामारी की दूसरी लहर से लोगों की जिंदगी बचान की अपील की। आठ सिफारिशों में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को नकद भुगतान और पारदर्शी मूल्य निर्धारण नीति भी शामिल।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Thu, 27 May 2021 08:10 AM (IST)
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दूसरी लहर के बाद लोगों की जिंदगियां बचाने की कोशिश जरूरी। (फोटो: दैनिक जागरण)
 नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत में कोरोना के मामलों पर लैंसेट की विशेषज्ञों की एक समिति ने महामारी की दूसरी लहर से लोगों की जिंदगी को बचाने और परेशानियों को कम करने के लिए आठ सुझाव दिए हैं। इनमें वैक्सीन की खरीद और वितरण के लिए केंद्रीय प्रणाली स्थापित करना भी शामिल हैं। 'द लैंसेंट सिटिजंस कमीशन आन रीमैजिनिंग इंडियाज हेल्थ सिस्टम' नामक 21 सदस्यीय इस समिति का गठन पिछले साल दिसंबर में किया गया था। इसमें जानी-मानी विषाणु विज्ञान विशेषज्ञ गगनदीप कंग और नारायण हृदयालय के चेयरमैन देवी शेट्टी शामिल हैं। 

ब्रिटेन की प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल में प्रकाशित लेख में समिति ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए आठ सिफारिशें की हैं, जिन पर तत्काल अमल किए जाने की जरूरत है। इनमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए राज्यों की तरफ से नकदी का हस्तांतरण और पारदर्शी मूल्य निर्धारण नीति शामिल हैं। समिति ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की खरीद और नि:शुल्क वितरण के लिए केंद्रीकृत प्रणाली स्थापित की जाए। अभी केंद्र वैक्सीन खरीद कर राज्यों को देता है, साथ ही राज्यों को भी अपनी तरफ से वैक्सीन खरीदने की छूट है। समिति का कहना है कि केंद्रीकृत व्यवस्था से कीमतें सही बनी रहेंगी और राज्यों के बीच असमानता भी कम हो जाएगी।

राज्यों के पास कोरोना वैक्सीन की 1.77 करोड़ डोज मौजूद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोरोना टीकों की 1.77 करोड़ से अधिक डोज अब भी मौजूद हैं और अगले तीन दिन में उन्हें टीकों की और एक लाख डोज और मिल जाएंगी।मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक नि:शुल्क श्रेणी तथा राज्य द्वारा सीधे खरीद की श्रेणी में टीके की 22 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध करवाई हैं।

इसके अलावा, अगले तीन दिन में उन्हें एक लाख और डोज मिल जाएंगी। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना के नि:शुल्क टीके उपलब्ध करवा रहा है, इसके अलावा उन्हें टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी दे रहा है।मंत्रालय ने बताया कि सरकार की महामारी से निपटने की एक व्यापक रणनीति का एक अहम हिस्सा टीकाकरण है। इस रणनीति के तहत सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी द्वारा मंजूर किए गए किसी भी टीका निर्माता की वैक्सीन की डोज में से 50 फीसद भारत सरकार हर महीने खरीदेगी। वह ये खुराकें पहले की तरह राज्य सरकारों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाना जारी रखेगी।