Land for Job Scam Case: लालू यादव को बड़ा झटका, केंद्र ने CBI को दी RJD अध्यक्ष के खिलाफ केस चलाने की अनुमति
राजद सुप्रीमों लालू यादव को मंगलवार (12 सितंबर) को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ नौकरी घोटाला में एक ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 12 Sep 2023 11:58 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। राजद सुप्रीमों लालू यादव को मंगलवार (12 सितंबर) को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में एक ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली गई है।
मामले की सुनवाई 21 सितंबर को सूचीबद्ध
सीबीआई ने बताया है कि हालांकि, उसे 3 रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। सीबीआई ने कहा कि बाकी की मंजूरी एक हफ्ते के भीतर मिलने की उम्मीद है।
Central Bureau of Investigation (CBI) informs Delhi's Rouse Avenue Court that the sanctions against former Union Railway Minister Lalu Prasad Yadav have been obtained from the Home Ministry in relation to a fresh chargesheet in an alleged Land for Job Scam case.
However, the… pic.twitter.com/0RSMSVUWLa
— ANI (@ANI) September 12, 2023
वहीं, मामले को 21 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
क्या हैं लालू पर आरोप
लालू प्रसाद पर आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब वह रेलमंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी देने के एवज में परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ट्रांसफर कराकर आर्थिक लाभ उठाया। इसके एवज में रेलवे के अलग-अलग जोन के अंतर्गत मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में लोगों को नौकरी दी गई।(सोमवार को देवघर से पटना ट्रेन से लौटते राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव)इस केस में आरोप यह भी है कि इन नौकरियों के बहालियों के लिए कोई भी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस नहीं जारी किया गया। इस मामले में पिछले साल 18 मई को लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी की गई थी।