टिकट लेने के बाद भी पिछले वित्त वर्ष 2 करोड़ से ज्यादा लोग नहीं कर पाए रेल यात्रा, इस वजह से बाधित हुआ सफर
रेलवे बोर्ड ने एक आरटीआई के जवाब में बताया कि साल 2022-23 में 2.7 करोड़ से अधिक यात्री टिकट खरीदने के बाद भी ट्रेन से यात्रा नहीं कर पाए। देश में ट्रेनों की मांग पर रेलवे उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रहा है। फोटो- जागरण।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 08 May 2023 07:25 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। देश में एक शहर से दूसरे शहर जाना हो या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य इसके लिए आम तौर पर लोग ट्रेन से सफर करते हैं। ट्रेन से सफर करना अमूमन किफायती भी होती है। लोग यातायात के अन्य साधनों की तुलना में बहुत ही कम पैसे में अपने गंतव्य पर पहुंच जाते हैं। हालांकि, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो टिकट कन्फर्म नहीं होने के कारण ट्रेन से यात्रा नहीं कर पाते हैं।
2.7 करोड़ से अधिक यात्रियों ने नहीं की यात्रा
रेलवे बोर्ड ने एक आरटीआई के जवाब में बताया कि साल 2022-23 में 2.7 करोड़ से अधिक यात्री टिकट खरीदने के बाद भी ट्रेन से यात्रा नहीं कर पाए। रेलवे के मुताबिक, इन सभी यात्रियों का टिकट कंफर्म नहीं हो पाया था। मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह संख्या 1.65 करोड़ थी। रेलवे बोर्ड ने बताया कि 2022-2023 में कुल 1.76 करोड़ पैसेंजर नेम रिकॉर्ड (PNR) नंबर थे, जिसमें कुल 2.72 करोड़ यात्रियों को यात्रा करनी थी। हालांकि, वेटिंग लिस्ट होने के कारण इन लोगों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी।
वेटिंग टिकट से लाखों लोग नहीं कर पाते हैं यात्रा
मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 1.06 करोड़ पीएनआर नंबर बने, जिसमें से 1.65 करोड़ यात्रियों को यात्रा करनी थी लेकिन अपने आप ही टिकट रद्द होने के कारण यात्री यात्रा नहीं कर सके। रेलवे बोर्ड के मुताबिक, 2014-15 में रद्द किए गए पीएनआर की संख्या 1.13 करोड़ थी और 2015-2016 में यह 81.05 लाख थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2016-2017 में यह 72.13 लाख, 2017-18 में 73 लाख और 2018-2019 में यह संख्या 68.97 लाख थी।लगातार बढ़ाई जा रही है ट्रेनों की संख्या
रेलवे ने बताया कि वह देश में ट्रेनों की मांग पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने और लगातार ट्रेनों की क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है, जिसके कारण वेटिंग लिस्ट में शामिल होने वाले यात्रियों की संख्या कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से पहले देश में रेलवे ने 10,186 ट्रेनें चलाई थी, जो वर्तमान में 10,678 ट्रेनें हो गई हैं।