क्या 2029 में एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव? विधि आयोग इस फॉर्मूले पर कर रहा काम
विधि आयोग एक देश एक चुनाव के फार्मूल पर काम कर रहा है ताकि 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ सभी राज्यों के चुनाव कराए जा सकें। सूत्रों ने कहा कि विधि आयोग विभिन्न विधानसभाओं के कार्यकाल को कम या फिर बढ़ाने का सुझाव दे सकता है ताकि एक साथ चुनाव के लिए एक मंच तैयार किया जा सके।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 29 Sep 2023 06:28 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। विधि आयोग एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) के फार्मूल पर काम कर रहा है ताकि 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ सभी राज्यों के चुनाव कराए जा सकें। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि सरकार ने पहले ही लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया है।
तैयार नहीं हुई आयोग की रिपोर्ट
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, विधि आयोग लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक मतदाता सूची सुनिश्चित करने वाला तंत्र भी तैयार कर रहा है ताकि लागत को कम किया जा सके। हालांकि, एक साथ चुनाव को लेकर विधि आयोग की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है, क्योंकि कई मुद्दों का निपटारा होना अभी बाकी है।यह भी पढ़ें: एक देश एक चुनाव पर राजनीतिक दलों की भी ली जाएगी राय, बैठक के बाद समिति का फैसलाविधि आयोग विभिन्न विधानसभाओं के कार्यकाल को कम या फिर बढ़ाने का सुझाव दे सकता है, ताकि एक साथ चुनाव के लिए एक मंच तैयार किया जा सके।
फिलहाल आयोग का काम विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के तरीके का सुझाव देने है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति को यह सिफारिश करने का काम सौंपा गया कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कि एक साथ चुनाव कैसे आयोजित किए जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: One Nation One Election के जरिए एक तिहाई रह जाएगा चुनाव पर खर्च; समझें कैसे होगा ये कमालसूत्रों ने कहा कि रामनाथ कोविंद के पैनल की शर्तों को ध्यान में रखत हुए लोकसभा और राज्य चुनावों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव को शामिल कराने के लिए विधि आयोग का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
वहीं, लॉ पैनल एक सुझाव दे सकता है कि एक साल में दो चरणों में त्रिस्तरीय चुनाव कराए जाएं। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।