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कानून मंत्रालय ने सौ दिवसीय एजेंडे में की 'सनसेट क्लॉज' की पैरवी, जानिए क्या है इसकी खासियत

Sunset Clause in law कानून मंत्रालय ने कानूनों में सुधार की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए सनसेट क्लॉज को शामिल करने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने इसे अपने 100 दिवसीय एजेंडे में शामिल किया है। मंत्रालय का कहना है कि वह इस दिशा में अन्य मंत्रालयों से परामर्श करने के बाद फैसला करेगा। जानिए क्या है ये क्लॉज और इनकी खासियत।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 17 Jul 2024 11:22 PM (IST)
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पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को सौ दिन का एजेंडा तैयार करने को कहा था। (File Image)

पीटीआई, नई दिल्ली। कानून की किताबों को व्यवस्थित रखने के लिए कानून मंत्रालय ने कुछ प्रकार के विधेयकों में 'सनसेट क्लॉज' या स्वत: समाप्त होने वाले प्रविधान शामिल करने की पैरवी की है। मंत्रालय ने इसे अपने सौ दिवसीय एजेंडे में शामिल किया है।

'सनसेट क्लॉज' अस्थायी प्रकृति वाले कानूनों या गतिशील स्थिति से निपटने वाले कानूनों पर लागू होते हैं। जब उनकी उपयोगिता समाप्त हो जाती है तो वे कानून की किताबों से स्वत: हट जाते हैं। मंत्रालय में विधायी विभाग ने अपने सौ दिवसीय एजेंडे के तहत नए विधायी प्रस्ताव में 'सनसेट क्लॉज' रखा है और उसका कहना है कि इस दिशा में कदम संबंधित मंत्रालयों से परामर्श करके उठाए जाएंगे।

पीएम मोदी ने दिए थे एजेंडा तैयार करने के निर्देश

लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों को अगली सरकार के लिए सौ दिन का एजेंडा तैयार करने का निर्देश दिया था। पूर्व केंद्रीय विधि सचिव पीके मल्होत्रा ने बताया कि संसद या राज्य विधानसभा जब किसी पारित कानून की मियाद तय करना चाहती है तो नीति के तहत वह 'सनसेट क्लॉज' जोड़ सकती है। 'सनसेट क्लॉज' की वजह से निष्प्रभावी हो चुके प्रविधान को विधायिका नया कानून पारित करके नया जीवन दे सकती है।