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अगले दो महीनों में भारत आएंगे आस्ट्रेलिया, जर्मनी और फ्रांस के नेता; इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

अगले दो महीने में आस्ट्रेलिया जर्मनी और फ्रांस के नेता भारत दौरे पर आएंगे। इस दौरान यूक्रेन युद्ध खाद्य और ऊर्जा संकट पर चर्चा होने की उम्मीद है। मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी के भी भारत आने की योजना है। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 10 Jan 2023 08:08 PM (IST)
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अगले दो महीने में भारत आएंगे आस्ट्रेलिया, जर्मनी और फ्रांस के नेता

नई दिल्ली, पीटीआई। अगले दो-महीने में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शाल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के अलावा मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी के भी भारत आने की योजना है। संभावना है कि यूरोपीय देशों और आस्ट्रेलियाई नेता की यात्रा के दौरान यूक्रेन युद्ध और उसके कारण दुनिया भर में पैदा हुए खाद्य तथा ऊर्जा संकट पर चर्चा होगी।

यूक्रेन युद्ध के साथ खाद्य और ऊर्जा संकट पर भी होगी चर्चा

इन नेताओं की यात्राओं की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इन यात्राओं का मुख्य लक्ष्य ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, रक्षा उत्पादन, स्वास्थ्य सुविधा और लोगों के बीच आपसी संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देना है। उन्होंने कहा- हालांकि, इस दौरान यूक्रेन युद्ध और उसके कारण दुनिया में पैदा हुए खाद्य और ऊर्जा संकट पर भी चर्चा होनी है।

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मार्च के पहले सप्ताह में भारत आ सकते हैं मैक्रों

अधिकारियों ने बताया कि चांसलर शाल्ज के फरवरी के अंत तक, जबकि अल्बानीज के मार्च की शुरूआत में भारत यात्रा पर आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि फ्रांस मार्च के पहले सप्ताह में ही मैक्रों की भारत यात्रा का कार्यक्रम तय करने के पक्ष में है, लेकिन अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है। उनका कहना है कि मैक्रों की यात्रा पहले भी हो सकती है और उसके आगे टलने की भी संभावना है। वहीं, मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी इसी महीने के अंत में भारत आएंगे और गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे।

जी-20 देशों के विदेश मंत्री भी एक और दो मार्च को होने वाली समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली आएंगे। वहीं, दो से चार मार्च तक होने वाले रायसीना डायलाग में हिस्सा लेने के लिए तमाम विदेशी नेता भारत आएंगे। यह भूराजनीतिक और भूआर्थिक विषयों पर भारत का प्रतिष्ठित सम्मेलन है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कलम दहल प्रचंड के भी अगले कुछ महीनों में भारत आने की संभावना है।

सऊदी अरब के प्रिंस आएंगे भारत दौरे पर

भारत और सउदी अरब के अधिकारी भी सउदी अरब के क्राउन प्रिंस (युवराज) व प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान बिल अब्दुलाजीज अल सौद की नई दिल्ली यात्रा की तैयारियों में जुटे हैं। यात्राओं की तैयारियों से जुड़े लोगों ने बताया कि जर्मन चांसलर शाल्ज की प्रस्तावित यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं।

जर्मनी यात्रा के दौरान शाल्ज से मिले मोदी

गौरतलब है कि शाल्ज की यात्रा की तैयारियों के सिलसिले में जर्मनी की विदेश मंत्री एन्नालेना बारबोक दिसंबर में नई दिल्ली आई थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चांसलर शाल्ज के बीच जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के बाली में 16 नवंबर, 2022 को द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। दोनों नेताओं की पहली मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी यात्रा के दौरान छठवें भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी कंसल्टेशन (आइजीसी) के दौरान बर्लिन में दो मई को हुई थी।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी जी7 की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए 26 और 27 जून को दक्षिण जर्मनी के शॉल्स एलामउ में अल्पाइन कासल गए थे। दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शाल्ज की यह पहली भारत यात्रा होगी।

चीन पर भी होगी चर्चा

राजनयिक सूत्रों ने बताया कि जर्मनी, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के नेताओं की यात्राओं के दौरान क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति की पृष्ठभूमि में हिन्द-प्रशांत सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा होगी।  मोदी और अल्बानीज की बातचीत में व्यापार और समुद्री सुरक्षा सहयोग प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में मई में शपथ लेने के बाद अल्बानीज की यह पहली भारत यात्रा होगी।

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