'मानव जीवन को समझने की इच्छा ही जज के लिए मजबूत माध्यम', CJI चंद्रचूड़ बोले- सिर्फ कानूनी शक्ति ही पर्याप्त नहीं
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि एक जज के लिए कानूनी शक्ति ही पर्याप्त नहीं है मानव जीवन की समझने की उसकी इच्छा ही सबसे मजबूत माध्यम है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों को कैसे निर्णय लेना चाहिए और सामान्य तौर पर कानूनी निर्णय लेने में क्या होता है इस पर साहित्य का विशाल भंडार उपलब्ध है।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि एक जज के लिए कानूनी शक्ति ही पर्याप्त नहीं है, मानव जीवन की समझने की उसकी इच्छा ही सबसे मजबूत माध्यम है।
CJI चंद्रचूड़ ने क्या कुछ कहा?
सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त जजों जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा, जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले को सम्मानित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित समारोह में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का बड़ा कदम, छह स्थानीय भाषाओं में जारी करेगा सर्कुलरइन जजों की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के साथ ही शीर्ष अदालत एक बार फिर अपनी 34 जजों की अधिकतम क्षमता से काम कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शीर्ष अदालत उनके अनुभव की विविधता से लाभान्वित होगी।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जज के लिए कानूनी शक्ति पर्याप्त नहीं है। मानव जीवन को समझने की उनकी इच्छा ताकतवर माध्यम है। जस्टिस शर्मा, जस्टिस मसीह, जस्टिस मेहता और जस्टिस वराले की यात्राएं मानव जीवन को समझने एवं हमारे कानूनों की मदद से उसे सुधारने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।
'...साहित्य का विशाल भंडार उपलब्ध'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों को कैसे निर्णय लेना चाहिए और सामान्य तौर पर कानूनी निर्णय लेने में क्या होता है, इस पर साहित्य का विशाल भंडार उपलब्ध है। उन्होंने कहा,हालांकि कानून का ज्ञान और उसे बनाने का संदर्भ महत्वपूर्ण है, लेकिन अंतत: लोगों की समस्याओं की समझ ही हमें बेहतर वकील एवं जज बनाती है।
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण कर बनाई मस्जिद ढहाने के आदेश में दखल देने से इनकार, दिया पूर्व आदेश का हवाला
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि असंतुलन के क्षणों में हमें कानून या नीति के बेहद जटिल सैद्धांतिक बयानों में समाधान मिलने की संभावना नहीं होती। उन्होंने कहा कि संकट के ऐसे क्षणों में स्थिरीकरण प्रभाव अक्सर न्याय का बेहद सरल विचार होता है। एक साधारण विचार की ताकत इस तथ्य में निहित होती है कि यह एक जज के विशाल अनुभव से आता है- एक वकील के रूप में, कानून के विद्यार्थी के रूप में और समाज के एक समझदार पर्यवेक्षक के रूप में।