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एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव? वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

One Nation One Poll देश भर में लोकसभा राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने की व्यवहार्यता पर कोविंद पैनल ने आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। कोविंद पैनल ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 14 Mar 2024 12:37 PM (IST)
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One Nation One Poll रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने रिपोर्ट सौंपी।
एजेंसी, नई दिल्ली। One Nation One Poll एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। देश भर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता पर रिपोर्ट सौंपी गई है।

राष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट

एक बयान में कहा गया कि पैनल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को इसके गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है।

पैनल ने की ये सिफारिश

कोविंद पैनल ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।

कोविंद पैनल की मुख्य बातें

  • कोविन्द पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ मतदान होने से भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिल सकती है।
  • एक साथ मतदान से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक नींव गहरी होगी।
  • कोविंद पैनल का कहना है कि एक साथ मतदान से पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और मतदाताओं का विश्वास काफी बढ़ेगा।
  • कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की अग्रिम योजना की सिफारिश की है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले एक साथ चुनावों के लिए सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनावों तक की अवधि के लिए हो सकता है।
  • कोविंद पैनल ने यह भी कहा कि त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में शेष पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
  • पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।