रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा के दौरान राममय हुई संसद, सभी दलों ने राम के अनेक स्वरूपों का किया गुणगान
सत्तापक्ष और विपक्ष ही नहीं तटस्थ पार्टियों के सांसदों ने भी अपने-अपने तरीके से भावांजलि देते हुए राम नाम का गुणगान किया। भगवान राम के तमाम रूपों का कुछ ऐसा गुणगान हुआ कि पूरा सदन राममय नजर आया। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने दूसरे वक्ता के रूप में भगवान राम के करुणामयी निर्मल और त्याग से लेकर लोकहितकारी रूपों की भावमय व्याख्या की।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। बीते कुछ दशकों के दौरान संसद अयोध्या मुद्दे पर कई बार हंगामेदार चर्चा की साक्षी रही है, मगर 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र की अंतिम बैठक के दिन रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हुई चर्चा में अध्यात्म, भक्ति, संस्कृति और शुचिता के भावों की धारा खूब बही। चंद तंज-तीरों को छोड़ राम मंदिर निर्माण की चर्चा सद्भाव के ट्रैक पर ही रही। भगवान राम के तमाम रूपों का कुछ ऐसा गुणगान हुआ कि पूरा सदन राममय नजर आया।
संसद में हुआ राम नाम का गुणगान
सत्तापक्ष और विपक्ष ही नहीं, तटस्थ पार्टियों के सांसदों ने भी अपने-अपने तरीके से भावांजलि देते हुए राम नाम का गुणगान किया। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हुई चर्चा से पहले द्रमुक ने तमिलनाडु के मछुआरों की समस्या उठाने की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में वाकआउट कर इसमें हिस्सा नहीं लिया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अंतिम दिन की बैठक के लिए लोकसभा में पहुंचे ही नहीं।
जय श्रीराम के नारों से गूंजा संसद
राम मंदिर पर चर्चा के लिए चूंकि सत्र को विशेष रूप से एक दिन के लिए बढ़ाया गया था, इसलिए बैठक शुरू होने के तत्काल बाद भाजपा के सत्यपाल सिंह ने इस पर चर्चा शुरू कर दी। सत्तापक्ष के सदस्यों के जय श्रीराम और जय-जय श्रीराम के नारों की गूंज के बीच सिंह ने राम के अस्तित्व को नकारने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए हमला किया, तो विपक्षी खेमे ने इसका प्रतिवाद किया।सत्यपाल सिंह क्या कहा?
आजादी के बाद राम मंदिर आंदोलन का इतिहास बताने के क्रम में सत्यपाल सिंह ने दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलजारीलाल नंदा की एक अहम भूमिका का जिक्र कर प्रमुख विपक्षी दल को नसीहत दी। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की देश की स्वतंत्रता के मौके पर दिए गए प्रसिद्ध भाषण की एक चर्चित पंक्ति को उद्धृत करते हुए प्राण प्रतिष्ठा से देश की आध्यात्मिक चेतना के बंदिशों से मुक्त होने की बात कही।यह भी पढ़ेंः '17वीं लोकसभा में रखी गई 21वीं सदी के भारत की नींव', PM Modi ने दंड संहिता को लेकर कांग्रेस को सुनाई खरी-खरी