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लोकसभा चुनाव के मोर्चे पर लगाए 21 सौ से अधिक पर्यवेक्षक, CEC बोले-निष्पक्ष व प्रलोभन मुक्त चुनाव कराएं

लोकसभा चुनाव के एलान में अभी थोड़ा ही समय है लेकिन चुनाव आयोग ने उससे पहले ही चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने को लेकर अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है। आने वाले चुनाव में 21 सौ से अधिक पर्यवेक्षकों की तैनाती का फैसला लिया है। इसमें करीब नौ सौ सामान्य पर्यवेक्षक साढ़े चार सौ पुलिस पर्यवेक्षक और आठ सौ व्यय पर्यवेक्षक शामिल हैं।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Mon, 11 Mar 2024 11:00 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव के मोर्चे पर लगाए 21 सौ से अधिक पर्यवेक्षक। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के एलान में अभी थोड़ा ही समय है लेकिन चुनाव आयोग ने उससे पहले ही चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने को लेकर अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है। आने वाले चुनाव में 21 सौ से अधिक पर्यवेक्षकों की तैनाती का फैसला लिया है। इसमें करीब नौ सौ सामान्य पर्यवेक्षक, साढ़े चार सौ पुलिस पर्यवेक्षक और आठ सौ व्यय पर्यवेक्षक शामिल हैं।

पर्यवेक्षकों को हिदायत दी गई है कि केंद्रीय और राज्य के अफसरों को इस बात को ध्यान में रखकर तैनात करना होगा कि वह किसी पार्टी विशेष का समर्थन नहीं करें। उन्होंने इन पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में निष्पक्ष, भय व प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित कराएं, ताकि सभी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के एक समान अवसर मिलें।

पर्यवेक्षकों की सीईसी के साथ विज्ञान भवन में हाईटेक बैठक

चुनावी तैयारियों को लेकर (सीईसी) राजीव कुमार ने सोमवार को 21 सौ से अधिक वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अफसरों की बतौर पर्यवेक्षक एक हाईटेक बैठक विज्ञान भवन में की। ज्यादातर पर्यवेक्षक बैठक में शामिल हुए, जबकि कुछ पर्यवेक्षक वर्चुअल स्तर पर जुड़े थे।

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ई-मेल और आवास की जानकारी सार्वजनिक करें

सीईसी ने पर्यवेक्षकों के साथ चर्चा में इस बात पर जोर दिया कि वह चुनाव के दौरान अपनी तैनाती वाले संसदीय क्षेत्रों में ही सुलभ रहें। साथ ही अपने मोबाइल फोन, ई-मेल और आवास की जानकारी सार्वजनिक करें, ताकि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी चुनाव से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी की उनसे मिलकर सीधे शिकायत कर सकें।

पर्यवेक्षकों को चुनाव अवधि के दौरान क्षेत्र में रहने के निर्देश

पर्यवेक्षकों को चुनाव अवधि के दौरान पूरे समय क्षेत्र में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें पोलिंग बूथों और संवेदनशील क्षेत्रों की पूरी जानकारी रखने के साथ ही तैनाती वाले भौगोलिक क्षेत्र को भी समझने को कहा है। साथ ही चुनाव से जुड़ी नियमावली का अच्छे तरीके से अध्ययन करने की सलाह दी है। चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक ही आयोग की आंख और कान होते हैं।

ईमानदार सुरक्षा कर्मियों और संपर्क अधिकारियों की तैनाती करें

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पिछले चुनाव के अनुभवों के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारियों को भी निर्देश दिया है वह पर्यवेक्षकों के साथ ईमानदार सुरक्षा कर्मियों और संपर्क अधिकारियों की तैनाती करें। ताकि वे अपना काम ठीक तरीके से कर सकें। आयोग का मानना था कि पिछले चुनाव में यह देखने को मिला था कि पर्यवेक्षकों के साथ ऐसे अधिकारियों को लगाया था जिन पर पहले किसी एक दल के साथ मिलकर काम करने जैसी शिकायतें थी।

सुरक्षा बलों की तैनाती पर भी पैनी रखने के निर्देश

सीईसी ने इस दौरान पर्यवेक्षकों से ईवीएम के वितरण और सुरक्षा बलों की तैनाती पर भी पैनी रखने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि पर्यवेक्षकों के वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग लगाने का भी प्रस्ताव है।

इंटरनेट मीडिया और फेक न्यूज पर भी किया सतर्क

चुनाव आयोग ने पर्यवेक्षकों के साथ चर्चा में चुनाव के दौरान इंटरनेट मीडिया पर पैनी नजर रखने और चुनाव के दौरान फैलाई जाने वाली झूठी खबरों को लेकर सतर्क किया है। आयोग ने कहा कि इससे निपटने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया जाए। साथ ही ऐसी झूठी खबरों से निपटने के लिए तत्काल जरूरी कदम भी उठाए जाएं। सभी पर्यवेक्षकों को आपसी तालमेल से काम करने की हिदायत भी दी है।