BJP Manifesto: विकास की राजनीति और खुद पर भरोसे की झलक, विपक्षी दलों के दबाव में भी भाजपा ने रेवड़ियों से किया किनारा
प्रधानमंत्री मोदी ने जहां संकल्प पत्र जारी कर यह संदेश दिया कि उनके लिए दलित पिछड़े ओबीसी का विकास विकास अहम है वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह राजनीतिक दबाव में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कदम सुस्त नहीं करेंगे। भाजपा ने संकल्प में सिर्फ इतना संदेश दिया कि हमने जो कुछ किया उसे और बेहतर करेंगे और वृहत करेंगे।
आशुतोष झा, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुए विपक्ष में कांग्रेस समेत कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का घोषणापत्र आ चुका है। एक से बढ़कर एक वादे, महिलाओं व युवाओं को लाख-लाख रुपये सालाना का परोक्ष प्रलोभन, किसानों पर एमएसपी का दांव..। सामान्यतया सामने खड़े दल को भी ऐसी ही घोषणाओं के लिए विवश करेगा। लेकिन यह क्या., भाजपा के संकल्प पत्र में ऐसा कुछ भी नहीं।
यह तभी संभव है जब खुद पर भरोसा प्रबल हो, पिछले दस वर्षों में जो किया वह सही है, जनता तक पहुंचा इसकी परख हो और इस जिम्मेदारी का अहसास हो कि देश घोषणाओं से नहीं बल्कि जमीनी सच्चाइयों से चलता है। यही कारण है कि भाजपा ने संकल्प में सिर्फ इतना संदेश दिया कि हमने जो कुछ किया उसे और बेहतर करेंगे, और वृहत करेंगे।
विपक्ष कर रहा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश
विपक्ष की ओर से इस चुनाव में दो नैरेटिव गढ़ने की कोशिश हो रही है- एक है विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई और दूसरा जातिगत। यही कारण है कि कांग्रेस समेत राजद, सपा व कुछ अन्य दलों का घोषणापत्र कुछ वर्तमान कानून पर भी सवाल खड़ा करता है और जाति जनगणना की बात भी।पीएम मोदी ने जारी किया भाजपा का संकल्प पत्र
बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर, उन्हें नमन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जहां संकल्प पत्र जारी कर यह संदेश दिया कि उनके लिए दलित, पिछड़े, ओबीसी का विकास विकास अहम है वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह राजनीतिक दबाव में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कदम सुस्त नहीं करेंगे। धीरे धीरे उन्होंने विपक्ष के आरोप को ही हथियार बना लिया है।
कांग्रेस न्याय पत्र और भाजपा के संकल्प पत्र में कुछ बातें बहुत स्पष्ट होकर उभरती है। गरीब परिवारों की महिलाओं को हर वर्ष एक लाख रुपये और बेरोजगार युवाओं को अप्रेंटिस के दौरान एक लाख रुपये सालाना देने जैसी कई घोषणाएं की है। पर इसका ठोस स्वरूप नहीं बताया है कि देश में महिलाओं और युवाओं की तरक्की के लिए माहौल कैसे बदलेगा। एक स्थिर सोच की कमी दिखती है।
भाजपा ने दिखाया पिछले दस वर्षों का रिपोर्ट कार्ड
ध्यान रहे कि 2019 में भी कांग्रेस ने सालाना 76 हजार रुपये देने जैसी एक घोषणा की थी। जवाब में भाजपा ने पिछले दस वर्षों का रिपोर्ट कार्ड और रोडमैप दिखाते हुए बताया है कि महिला हो या युवा, किसान हो या गरीब परिवार उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और हैसियत भी बनेगी। योजनाएं जमीन पर चल रही है, अलग अलग चुनावों में उसकी सफलता साबित भी हो चुकी है।