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महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाने पर गरमाए विवाद में केंद्र का पलटवार, कहा- कांग्रेस का दावा झूठा

प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के मसले पर नई लोकसभा का प्रथम सत्र शुरू होने से पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच एक दूसरे को मात देने के लिए सियासी तलवारें खींचने की तैयारी है। विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस ने जहां अपने सबसे वरिष्ठ सांसद के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने को भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Fri, 21 Jun 2024 10:00 PM (IST)
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नई लोकसभा का प्रथम सत्र शुरू होने से पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच सियासी तलवारें खींच गई हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के मसले पर नई लोकसभा का प्रथम सत्र शुरू होने से पहले ही सरकार और विपक्ष के बीच एक दूसरे को मात देने के लिए सियासी तलवारें खींचने की तैयारी है। विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस ने जहां अपने सबसे वरिष्ठ सांसद के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने को भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है।

वहीं, सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस पर झूठ फैलाने का जवाबी आरोप लगाया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस सांसद सुरेश भले ही आठवीं बार लोकसभा में चुनकर आए हैं मगर इसमें उनके दो चुनावी ब्रेक हैं, जबकि महताब सातवीं बार सांसद बने हैं और इस लिहाज से सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया पूरी तरह जायज है।

प्रोटेम स्पीकर के साथ ही संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव के संकेत हैं। कांग्रेस के नीट परीक्षा में धांधली और शेयर बाजार के कथित घोटाले को उठाने की तैयारियों के बीच रिजिजू ने साफ कर दिया कि संसद के इस संक्षिप्त सत्र का केवल तीन एजेंडा-नए सांसदों की शपथ, स्पीकर का चुनाव तथा राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा का है। सत्र में बाकी अन्य किसी मुद्दे के लिए समय नहीं है। विपक्ष को उनके मुद्दे उठाने के लिए सत्र के दौरान गुंजाइश नहीं होने का संदेश देकर संसदीय कार्यमंत्री ने कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों से सीधे टकराने के सरकार के इरादे जाहिर कर दिए।

रिजिजू ने कहा कि नई लोकसभा में सरकार और विपक्ष को अपनी-अपनी जिम्मेदारियां अच्छे से निभाने की शुरूआत करनी है, और इसलिए हम शांति से संसद सत्र शुरू करना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस ने इस तथ्य को उजागर नहीं किया है कि के सुरेश आठवीं बार लोकसभा में पहुंचे जरूर हैं, मगर इस बीच 1998 और 2004 में हार के कारण उनका ब्रेक है।

महताब सातवीं बार सदन में आए हैं और 2019 में सातवीं बार आए वीरेंद्र कुमार प्रोटेम स्पीकर बने थे। जबकि 2014 में सबसे वरिष्ठ होने के नाते कांग्रेस के कमलनाथ को यह जिम्मेदारी दी गई थी। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने 2004 और 2009 में खुद प्रोटेम स्पीकर बनाने में परंपरा की अनदेखी कि और हम पर आरोप लगा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

रिजीजू ने कहा कि कांग्रेस को इसका अहसास होना चाहिए कि वह चुनाव हार चुकी है, सरकार संविधान से चलेगी किसी के दबाव से नहीं। इससे पहले जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि संविधान बदलने के लिए चार सौ पार का नारा देनेवाली भाजपा को दलित वर्ग के सबसे वरिष्ठ सांसद के सुरेश का प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाना उसकी मनुवादी सोच को जाहिर करता है। सरकार का यह रूख टकराव वाला है और विपक्ष पिछली दो लोकसभा की तरह अब संसदीय नियमों-परंपराओं पर बुलडोजर नहीं चलाने देगा और हम कड़ा मुकाबला करेंगे।

जयराम ने स्पीकर के साथ लोकसभा के डिप्टी सरकार का चुनाव कराए जाने को जरूरी बताते हुए कहा कि यह संवैधानिक पद है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। रिजिजू ने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुनाव के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि स्पीकर के चुनाव सर्वसम्मति से कराने का प्रयास होगा।

हालांकि, सवालों के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने यह जरूर कहा कि स्पीकर पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्ष से सरकार की तरफ से अभी कोई चर्चा शुरू नहीं की गई है। डिप्टी स्पीकर का चुनाव सत्र के एजेंडा में शामिल है या नहीं इस सवाल को रिजिजू ने यह कहते हुए टाल दिया कि हमारा काम सत्र के एजेंडे को पूरा करना है।