Move to Jagran APP

Lok Sabha Results 2024: 'चुनाव के दौरान EC को मिली तीन सीख...', रिजल्ट से चंद घंटे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्यों कहा हो गई ये गलती

भीषण गर्मी में चुनाव कराने के फैसले पर हो रही आलोचना के बीच निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया कि मई-जून में चुनाव कराने का उनका फैसला गलत था। मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने चुनाव के दौरान तीन सीख मिलने का जिक्र किया। इनमें पहली सीख गर्मी में चुनाव कराने का फैसला था जबकि दूसरी फर्जी नेरेटिव और तीसरी वीकेंड में मतदान का तारीखों को रखने का फैसला था।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 03 Jun 2024 10:30 PM (IST)
Hero Image
भीषण गर्मी में चुनाव कराने का फैसला गलत था- निर्वाचन आयोग। फाइल फोटो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भीषण गर्मी में चुनाव कराने के फैसले पर हो रही आलोचना के बीच निर्वाचन आयोग ने सोमवार को स्वीकार किया कि मई-जून में चुनाव कराने का उनका फैसला गलत था।

EC ने क्यों मानी अपनी गलती?

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह उनकी चूक थी कि चुनाव का समय तय करने के दौरान वह भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान नहीं लगा पाए। उन्हें चुनाव एक महीने पहले करा लेने चाहिए थे। इससे बड़ी सीख मिली है। आगे से आयोग चुनाव का समय तय करने के दौरान इसका पूरा ख्याल रखेगा।

चुनाव के दौरान मिली तीन सीखः मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने पत्रकारों से चर्चा में चुनाव के दौरान तीन सीख मिलने का जिक्र किया। इनमें पहली सीख गर्मी में चुनाव कराने का फैसला था, जबकि दूसरी फर्जी नेरेटिव और तीसरी वीकेंड में मतदान का तारीखों को रखने का फैसला था।

उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान गलत जानकारियों के फैलने की आशंका थी। इससे निपटने के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की थी और उसे रोकने में सफल भी रहे, लेकिन चुनाव के दौरान फेक नेटेरिव को लेकर उन्हें कोई अनुमान नहीं था।

विदेशी ताकतों पर क्या कहा?

उन्हें चुनाव के दौरान देश से बाहर की कुछ ताकतों के इस्तेमाल का खतरा था। हालांकि, किससे और कैसा खतरा था यह उन्होंने नहीं बताया। लेकिन चुनाव में फेक नेरेटिव उससे कहीं बड़ा खतरा बन गया। इस दौरान कभी वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की बात की गई, तो कभी ईवीएम का मुद्दा उठाया गया।

फिर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने का आरोप लगाया गया। अब 150 रिटर्निंग ऑफिसर को फोन करके धमकाने व एजेंडों को मतगणना की टेबल तक न जाने देने और पोस्टल बैलेट की गिनती की व्यवस्था को बदलने जैसे आरोप लगाए जा रहे है। उन्होंने इन मुद्दों को लेकर विपक्ष को चुनौती दी कि वह इसके प्रमाण लाए। अन्यथा इस तरह की शंका जताना बेमानी है।

लोगों ने इस कारण नहीं लिया मतदान में हिस्सा

मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस दौरान वीकेंड में मतदान कराने की तीसरी सबक का जिक्र किया और कहा कि चुनाव के दौरान मतदान की तारीख शुक्रवार से सोमवार बीच रखने का उनका फैसला गलत था। वीकेंड के चलते लोग बाहर चले गए और इससे मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इससे मतदान प्रतिशत में कमी देखने को मिली।

64.2 करोड़ मतदाताओं ने मतदान में लिया भाग

आयोग ने इसके साथ ही चुनाव 64.2 करोड़ मतदाताओं के हिस्सा लेने पर खुशी जताई और कहा कि यह संख्या जी-7 देशों की आबादी से डेढ़ गुना अधिक और 27 यूरोपियन देशों की आबादी से ढाई गुना अधिक है। इसके साथ ही चुनाव में 31.2 करोड़ से अधिक महिला मतदाताओं ने भी हिस्सा लिया है। जो कि 27 यूरोपियन देशों के कुल आबादी का सवा गुना है।

आयोग ने चुनाव में 2019 की तुलना में पुनर्मतदान की संख्या में कमी की भी ब्यौरा दिया और बताया कि 2019 में 540 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ था, जबकि इस बार सिर्फ 39 बूथों पर पुनर्मतदान हुआ। इनमें भी 27 राज्य ऐसे थे जहां एक भी पुनर्मतदान नहीं हुआ।

रिकॉर्ड दस हजार करोड़ की हुई जब्ती 

आयोग ने इस बार चुनाव में दस हजार करोड़ की रिकार्ड जब्ती की जानकारी भी दी है। इनमें 1054 करोड़ रुपए का कैश भी शामिल है। इसके साथ ही 4391 करोड़ की ड्रग्स, 898 करोड़ की शराब, 1459 करोड़ के आभूषण व 2198 करोड़ के उपहार शामिल है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव में कहीं से भी पैसा बांटने, शराब बांटने या उपहार बांटने की खबरें नहीं आयी।

जम्मू-कश्मीर में जल्द ही कराएंगे विधानसभा चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त ने सोमवार को एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह पहले से कह थे कि जब सही समय आएगा तो विधानसभा चुनाव कराएंगे। अब वह सही समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में वहां मतदाताओं ने जिस तरह से मतदान को लेकर उत्साह दिखाया है, उससे साफ है कि अब वह चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। अतिशीघ्र वहां विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

शक का इलाज को हकीम लुकमान के पास भी नहीं

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान उन्हें चुनाव में गड़बड़ी फैलाने का आशंका सीमा पार से था, जिसका उन्होंने इंतजाम भी कर लिया था। वह हुआ भी नहीं, लेकिन अपनों ने ही हमला कर दिया, तो क्या कहेंगे।

इस पर हमने लिखा है- 'आज कल इल्जमातों का दौर बुलंद है, तल्खियों का बाजार गरम है, पंच को पहले ही घेर लो, यानी पेशबंदी। मंजूर है इंल्जाम लगाओ हमपर, शर्त इतनी कि साथ में सबूत भी लाओ। गोया कोई तो बात है,हर बार मुद्दई वहीं कचहरी वही,गवाह कोई नहीं। गम, शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं।'

यह भी पढ़ेंः

'जनता की नब्ज कुछ और...' Exit polls पर थरूर ने कही दी यह बड़ी बात; I.N.D.I.A को लेकर भी की भविष्यवाणी

Lok Sabha Result 2024: लोकसभा चुनावों के नतीजों का बेसब्री से इंतजार... लेकिन इस मुद्दे ने गरमा दिया पूरा माहौल; 1957 से जुड़ा है कनेक्शन