Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा चूक पर सवाल उठा रहे विपक्ष को लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्व की घटनाएं दिलाई याद
संसद की सुरक्षा में चूक पर सदन में हंगामा बरपा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है जो सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है लेकिन सदन के भीतर इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 16 Dec 2023 09:38 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक पर सदन में हंगामा बरपा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है, लेकिन सदन के भीतर इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है।
संसद में पहले भी हो चुकी ऐसी घटनाएं
इनमें सदन के अंदर आगंतुकों द्वारा पिस्टल लाने, नारेबाजी करने, दर्शक दीर्घा से कूद जाने व पर्चे फेंकने जैसी घटनाओं का पूरा देश साक्षी रहा है। बावजूद इसके संसद के भीतर भविष्य में इस तरह की फिर कोई घटना न घटित हो, इसके लिए एक हाई पावर कमेटी गठित की गई है। जो संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करेगी। जो सभी की सहमति से क्रियान्वित की जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सांसदों को लिखे पत्र में कहा है कि सदन के भीतर 13 दिसंबर को हुई घटना की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है। जिसने अपना काम शुरू कर दिया है। जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट सदन के समक्ष पेश की जाएगी।
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ओम बिरला ने सांसदों को लिखा पत्र
सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि आप सभी सदस्य भली-भांति परिचित है कि संसद परिसर की सुरक्षा संसद के क्षेत्राधिकार में आती है। इसलिए सुरक्षा के विषय पर हमारी जो भी कार्ययोजना बनेंगी वह आप सबके साथ विचार विमर्श करके आपके सुझावों के आधार पर ही बनेगी। जिसे बाद में संसद सचिवालय क्रियान्वित करेगा।लोकसभा अध्यक्ष ने इस दौरान कुछ राजनीतिक दलों और कुछ सांसदों द्वारा अपने निलंबन के फैसले को संसद के अदंर हुई घटना से जोड़कर पेश किए जाने को पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि 13 दिसंबर की घटना से सांसदों के निलंबन का कोई संबंध नहीं है। सासंदो का निलंबन विशुद्ध रूप से संसद भवन में श्रेष्ठ संसदीय परंपराओं के अनुपालन से जुड़ा है। नए सदन भवन में प्रवेश करते समय में हम सभी ने मिलकर तय किया था कि हम सदन में तख्तियां और प्लेकार्ड लेकर नहीं आएंगे। सदन के वेल में जाकर हंगामा नहीं करेंगे।
बिरला ने कहा कि सांसदों के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई का मुझे भी दुख है, लेकिन सदन की गरिमा के लिए कठोर निर्णय लेना पड़ा। आप सभी ने मेरी अपेक्षा है कि भविष्य में सभी सदस्य सदन की गरिमा को सर्वोपरि रखेंगे। साथ ही सदन के अंदर सार्थक चर्चा में हिस्सा लेंगे।