लोकपाल को साल 2020-21 के दौरान कुल 110 शिकायतें मिली, इनमें से चार सांसदों के खिलाफ
लोकपाल को साल 2020-21 के दौरान कुल 110 शिकायतें मिली हैं। इनमें से चार मामले सांसदों से जुड़े थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019-20 में जितनी शिकायतें मिलीं उससे अगले वर्ष यानी साल 2020-21 के दौरान 92 फीसद कम शिकायतें आईं।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 07 Jun 2021 04:58 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। लोकपाल को साल 2020-21 के दौरान कुल 110 शिकायतें मिली हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इनमें से चार मामले सांसदों से जुड़े थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019-20 में जितनी शिकायतें मिलीं उससे अगले वर्ष यानी साल 2020-21 के दौरान 92 फीसद कम शिकायतें आईं। देश के भ्रष्टाचार रोधी निकाय लोकपाल को साल 2019-20 में भ्रष्टाचार की 1427 शिकायतें मिली थीं।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में मिली कुल शिकायतों में से 57 केंद्र सरकार के समूह 'ए' या समूह 'बी" के अधिकारियों के खिलाफ जबकि 44 शिकायतें केंद्र के पूर्ण या आंशिक नियंत्रण वाले विभिन्न बोर्ड, निगम, स्वायत्त निकाय के अध्यक्षों, सदस्यों और कर्मचारियों के खिलाफ थी। पांच शिकायतें अन्य श्रेणी की थीं। बता दें कि लोकपाल को प्रधानमंत्री समेत सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च 2019 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई थी। इसके बाद न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को लोकपाल के आठ सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इन आठ सदस्यों में चार न्यायिक और बाकी गैर न्यायिक सदस्य होते हैं। मौजूदा वक्त में लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों के पद खाली हैं।
लोकपाल के आंकड़े में कहा गया है कि समूह ‘ए’ और ‘बी’ के अधिकारियों के खिलाफ भेजी गयी 14 शिकायतें मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और तीन शिकायतें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास लंबित हैं। एक मामले में कार्रवाई रिपोर्ट दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पास लंबित है। 2019-20 के दौरान लोकपाल को मिली 1427 शिकायतों में 613 राज्य सरकार के अधिकारियों जबकि चार केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ थीं।