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'सेबी प्रमुख के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए शिकायत पर्याप्त नहीं', सांसद की मांग पर लोकपाल ने दिया जवाब

हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट के आधार पर लोकपाल के समक्ष सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की गई थी। इस पर जवाब देते हुए लोकपाल ने आदेश के लिए शिकायत को अपर्याप्त बताया है और कहा है कि तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर आरोप स्पष्ट करें।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 22 Sep 2024 09:21 PM (IST)
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लोकपाल ने जांच का आदेश देने के लिए सांसद की शिकायत को अपर्याप्त माना है। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाले लोकपाल ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को आधार बनाते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ जांच की मांग करने वाले शिकायतकर्ताओं से कहा है कि प्रथम दृष्ट्या उनकी शिकायत जांच का आदेश देने के लिए पर्याप्त नहीं है।

लोकपाल ने दोनों शिकायतकर्ताओं, जिनमें एक लोकसभा सांसद हैं, को आदेश दिया है कि वह तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर शिकायत में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को स्पष्ट करें। लोकपाल ने दोनों शिकायतकर्ताओं को कुल दस बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें उन्हें यह भी बताना होगा कि उन लोगों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को सत्यापित करने लिए क्या प्रयास किये हैं।

लोकपाल मामले पर फिर करेगा विचार

इस मामले में लोकपाल 17 अक्टूबर को ढाई बजे फिर विचार करेगा। हालांकि लोकपाल ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस आदेश में शिकायत के संबंध में की गई टिप्पणियों को किसी भी तरह से लोकपाल की राय नहीं माना जाना चाहिए। ये सिर्फ संबंधित शिकायत की विश्वसनीयता जांचने और मामले में कानून की धारा 20 के मुताबिक प्रथम दृष्ट्या राय बनाने से संबंधित सवाल हैं।

ये आदेश शुक्रवार 20 सितंबर 2024 को लोकपाल अध्यक्ष जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिये। लोकपाल के समक्ष दो शिकायतें आईं थी, जिनमें हिंडनबर्ग की गत 10 अगस्त की हालिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की मांग की गई थी।

लोकपाल ने हटाया शिकायतकर्ता का नाम

लोकपाल के समक्ष शिकायत दाखिल करने वालों में एक लोकसभा सांसद भी हैं। हालांकि लोकपाल ने अपने आदेश में शिकायतकर्ताओं और सेबी के अधिकारी जिनके खिलाफ जांच मांगी गई है, के नाम हटा दिये हैं, लेकिन टीएमसी की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने गत 13 सितंबर को सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर बताया था कि उन्होंने माधवी पुरी बुच के खिलाफ लोकपाल के समक्ष शिकायत दाखिल की है और जांच करने की मांग की है।

लोकपाल ने पहली शिकायत के संबंध में आदेश में कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट का आदेश भी आ चुका है। पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी विचाराधीन है, जिसमें कोर्ट से कुछ निर्देश मांगे गए हैं। सेबी ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा है कि 24 में से सिर्फ दो मामलों की जांच बची है। लोकपाल ने कहा है कि अगर ऐसा है तो हमें लंबित अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए। दूसरी शिकायत जो कि लोकसभा सांसद की है, उसके बारे में लोकपाल के आदेश में कहा गया है कि शिकायत जांच का आदेश देने के लिए पर्याप्त नहीं है।