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मैथिली में बात करने पर फंस गया प्रेमी जोड़ा

बिहार के मधुबनी जिले से प्रेमिका के साथ गायब हुआ छात्र दिल्ली में अपनी मातृभाषा मैथिली में बात करने के कारण शक के दायरे में आया और आखिरकार पुलिस हिरासत में पहुंच गया। दोनों को मंगलवार जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद बिहार पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।

By Edited By: Updated: Tue, 16 Oct 2012 02:49 PM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बिहार के मधुबनी जिले से प्रेमिका के साथ गायब हुआ छात्र दिल्ली में अपनी मातृभाषा मैथिली में बात करने के कारण शक के दायरे में आया और आखिरकार पुलिस हिरासत में पहुंच गया। दोनों को मंगलवार जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद बिहार पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि महरौली इलाके में चाय की दुकान पर पड़ोसी गाव का एक व्यक्ति मैथिली में बात करने के कारण दोनों की ओर आकर्षित हुआ और उनसे पूछताछ की। लड़के का नाम प्रशात पता चलते ही उसे शक हुआ और उसने पुलिस बुला ली। दिल्ली पुलिस ने दोनों को मीडिया से दूर रखा है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि सात सितंबर को मधुबनी से गायब होने के बाद वे उसी दिन शाम चार बजे राची चले गए थे। वहा से जम्मू और फिर दार्जिलिंग चले गए। उन्होंने फरवरी में ही मंदिर में शादी कर ली थी। दोनों के घरवालों को रिश्ता पसंद नहीं था।

इसलिए उन्होंने घर से भाग जाने का कदम उठाया। उन्होंने यह भी बताया है कि जम्मू में रहने के दौरान अखबार पढ़कर उन्हें जानकारी मिली थी, कि मधुबनी में उनके घर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। जिससे वे डर गए थे। सोमवार को दोनों ब्रह्मापुत्र मेल से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन उतरे और वहा से सुबह सवा छह बजे ऑटो से महरौली आ गए। यहा दोनों परेशान होकर इधर-उधर घूम रहे थे, तभी दोपहर 2.35 बजे प्रशात झा के गाव अरेर के पास के गाव के रहने वाले एमएन झा की नजर दोनों पर पड़ गई। एमएन झा चाय की दुकान पर थे।

वहीं प्रेमी युगल भी खड़ा हो गया। दोनों को मैथिली में बात करते सुन एमएन झा का शक यकीन में तब्दील हो गया। उन्होंने भी मैथिली भाषा में प्रशात से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस को सौ नंबर पर सूचना दे दी और अपने बेटे को भी बुला लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो एमएन झा का बेटा प्रशात को पहचानता था। पहचान कर लेने पर प्रशात व उसकी प्रेमिका को महरौली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एमएन झा वार्ड नंबर एक महरौली में परिवार के साथ रहते हैं। उन्हें प्रशात और उसकी प्रेमिका के मधुबनी से लापता होने व फिर वहा दंगा फसाद होने की पूरी जानकारी थी। बिहार पुलिस भी दोनों की तलाश में महरौली आई थी। मंगलवार को दोनों को लाजपत नगर स्थित जुवेनाइल कोर्ट में पेशकर बिहार पुलिस को सौंप दिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि दोनों की उम्र को लेकर संशय है। इसलिए इन्हें जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा। प्रशात की उम्र 17 साल बताई जा रही है। उसके पिता का नाम राजकुमार है। मधुबनी जिले के अरेर गाव का रहने वाला प्रशात स्टेडियम रोड, मधुबनी स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा सेक्शन बी में पढ़ता है। उसकी प्रेमिका बालिग बताई जा रही है। वह सहरसा जिले के महषी गाव की रहने वाली है। वह भी प्रशात के ही स्कूल में दसवीं कक्षा सेक्शन ए में पढ़ती है। बीते सात सितंबर को दोनों स्कूल से ही लापता हो गए थे। इनके गायब होने के बाद प्रशात के दादा चंद्रेश्वर झा ने आठ सितंबर को नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। उधर, छात्रा के पिता जो कि शिक्षा विभाग में अधिकारी हैं, ने 11 सितंबर को पुत्री के अपहरण का मामला दर्ज करा दिया था। मामले में प्रशात के दादा चंद्रेश्वर झा समेत परिवार के आधा दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस चंद्रेश्वर झा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मुकदमे के बाद मामला शात पड़ा था। लेकिन तीन अक्टूबर को ककना पुल के निकट एक युवक की सिर कटी लाश मिल जाने पर प्रशात के परिजनों ने दावा किया था, कि लाश प्रशात की है।

जबकि पुलिस का कहना था कि लाश प्रशात की नहीं है। यह किसी अन्य 26 साल के युवक की हो सकती है। शव नहीं सौंपे जाने पर अगले दिन मधुबनी में छात्रों ने जमकर उत्पात मचाया था। दिल्ली में प्रेमी जोड़े के मिलने की घटना ने अब कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस लाश को प्रशात की लाश समझ दाह संस्कार कर दिया गया, वास्तव में वह लाश किसकी थी? किसने इस घटना को जानबूझ कर राजनीतिक रंग देने की कोशिश की? और तो और उन दो छात्रों की मौत के जिम्मेदार कौन हैं, जिनकी पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई?

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