प्यार, अपराध और सजा के बीच घूमती रही 'बिकिनी किलर' Charles Sobhraj की जिंदगी, 21 साल बाद आ रहा जेल से बाहर
Charles Sobhraj बिकिनी किलर के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज 21 साल की सजा काटने के बाद काठमांडू जेल से बाहर आने वाला है। मर्डर ठगी प्यार और धोखे से भरी उसकी जिंदगी के पीछे की कहानी काफी रोचक है।
By Piyush KumarEdited By: Updated: Wed, 21 Dec 2022 09:16 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Charles Sobhraj Life: भेष बदलने में महारथी, चार्मिंग पर्सनैलिटी, पैसों और लड़कियों का दिवाना और शातिर अपराधी, होतचंद भवनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज उर्फ चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) की यही पहचान है। नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री 'द सर्पेंट' हो या फिर बॅालीवुड में बनी 'मैं और चार्ल्स', जैसी फिल्म में 'बिकिनी किलर' चार्लस शोभराज की कहानी को बखूबी स्क्रीन पर उतारने की कोशिश की गई। दिल्ली के तिहाड़ जेल से फरार होने से लेकर 20 साल की लड़की से शादी रचाने तक चार्ल्स का जीवन कई रोचक घटनाओं की एक सीरीज है।
कठिनाइयों से भरा था चार्ल्स का बचपन
6 अप्रैल 1944 को वियतनाम के साइगॉन में जन्मे चार्ल्स का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा रहा। चार्ल्स को उसके पिता ने अपनाने से इनकार कर दिया था। इस बात ने चार्ल्स के दिमाग पर काफी बुरा असर छोड़ा। बताया जाता है कि तकलीफों से भरे बचपन ने चार्ल्स को अपराध की दुनिया का एक मशहूर और स्मार्ट किलर बना दिया। शोभराज की मां वियतनाम से थी और पिता एक सिंधी हिंदुस्तानी थे। चार्ल्स के मां-बाप ने शादी नहीं की। विएतनाम में तैनात फ्रांस के एक फौजी लेफ्टिनेंट से चार्ल्स की मां की मुलाकात हुई। फौजी ने उन दोनों को अपनाया। इसके बाद चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिली।19 साल की उम्र में पहली बार काटी जेल की सजा
किशोरावस्था में उसने छोटे-मोटे अपराध करने शुरू कर दिए। शोभराज को पहली जेल की सजा तब मिली जब वह केवल 19 साल का था। जेल में वो फेलिक्स डी'एस्कोग्ने नामक एक धनी व्यक्ति संपर्क में आया, जिसके साथ उसकी दोस्ती काफी मजबूत हो गई। जेल से पैरोल मिलने के बाद दोनों रूममेट्स भी बन गए। यह वही दौर था जब शोभराज ने पेरिस के रहीशों के साथ उठना-बैठना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अंडरवल्ड की दुनिया में दस्तक देने लगा। बता दें कि 20 साल की उम्र में उसने छोटे-मोटे घोटाले को अंजाम देने शुरू कर दिए। इसी दौरान उसकी मुलाकात चैंटल कॉम्पैग्नन से हुई, जो उसकी पहली पत्नी बनी।
1970 के दशक में चार्ल्स और उसकी पत्नी ने फ्रांस को अलविदा कहा और दोनों ने भारत आने का फैसला किया। हालांकि, रास्ते में दोनों ने अन्य पर्यटकों को धोखा दिया और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके पूर्वी यूरोप की यात्रा पर निकल गए। उसी समय चार्ल्स एक कार तस्करी का सिंडिकेट भी चलाता था। इसी दौरान उसे ज्वैलरी स्टोर को लूटने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया, लेकिन वो अपने वफादार पत्नी के साथ भागने में कामयाब रहा। इसके बाद कई बार चार्ल्स अपराध को अंजाम देता रहा और भागने में कामयाब रहा। बता दें कि इस बीच उसकी जिंदगी में मैरी लेक्लेर ने कदम रखा, जो उसकी गर्लफ्रैंड बनी।