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टेनिस के मैदान में प्रेम, मंदिर में शादी

देश की पहली महिला आइपीएस किरण बेदी को टेनिस के मैदान में अमृतसर के बृज बेदी से प्यार हुआ और शिवाला मंदिर (शिवाला बाग भाइयां) में नौ मार्च, 1

By Edited By: Updated: Sun, 20 Jul 2014 03:10 PM (IST)
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अमृतसर, [रमेश शुक्ला 'सफर']। देश की पहली महिला आइपीएस किरण बेदी को टेनिस के मैदान में अमृतसर के बृज बेदी से प्यार हुआ और शिवाला मंदिर (शिवाला बाग भाइयां) में नौ मार्च, 1972 को वरमाला पहना दी। शादी का प्रस्ताव किरण ने ही बृज के आगे रखते कहा था कि आइ लव यू, तुम मेरा जिंदगी भर साथ दोगे। बृज तब बड़े बिजनेसमैन थे और राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी भी।

यादों के पन्ने पलटते हुए बृज कहते हैं कि किरण को खाना बनाना नहीं आता। जिंदगी में एक बार किरण ने आलू मेथी की सब्जी बनाकर खिलाई थी, जिसका स्वाद आज तक भूल नहीं पाया हूं। किरण शादी के कुछ माह बाद आइपीएस की ट्रेनिंग के लिए चली गई। उनकी पहली पोस्टिंग दिल्ली में एएसपी के तौर पर हुई। एक घटना याद करते हुए वह कहते हैं कि 1984 की बात है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गाड़ी का एक इंस्पेक्टर ने चालान काट दिया। किरण ने उस इंस्पेक्टर की हिम्मत की तारीफ की और उसे प्रोमोशन दिलाई। उस साल दिल्ली में एशियन गेम्स हुए थे। किरण ने ट्रैफिक का बतौर डीसीपी इतना बढि़या कंट्रोल किया कि वह सुर्खियों में आ गई। इसके बाद किरण मिजोरम व चंडीगढ़ में आइजी भी रहीं। नारकोटिक्स ब्यूरो से लेकर रेलवे के लिए भी किरण ने काम किया।

'सत्यम् शिवम सुंदरम' देख रोई थीं किरण:

बृज बेदी बताते हैं कि किरण जब दिल्ली में डीएसपी थी, तब दोनों रीगल थियेटर में फिल्म 'सत्यम् शिवम सुंदरम' देखने गए। टिकट किरण ने खरीदी। बॉलकोनी में बैठे थे कि उस इलाके का इंस्पेक्टर कॉफी व पेस्ट्री ले आया। यह देख किरण ने उसे खूब फटकारा। फिल्म देखकर किरण खूब रोई थीं।

मैंने पैर भी दबाए हैं:

जिंदगी के अहम राज खोलते हुए बृज ने कहा कि किरण शुरू से ही मेहनती व लोगों के हक के लिए लड़ जाया करती थीं। शादी के बाद जब वह थक कर घर लौटतीं तो मैं उसके पैर दबाता था। मुझे किरण का पति होने पर गर्व है।

बेटियों को दिलाया ऊंचा मुकाम:

किरण के पिता प्रकाश पिशौरिया व माता प्रेमलता पिशौरिया केसरी बाग (अमृतसर) में रहते थे। प्रकाश टेनिस खिलाड़ी थे। चार बेटियों किरण, शशि, रीता व अनु को सबसे आगे बढ़ाना चाहते थे, ताकि लोग बेटा-बेटी में फर्क भूल जाएं। किरण जहां पहली महिला आइपीएस बनी, वहीं अन्य बहनों ने भी काफी नाम कमाया।

विद्या की रोशनी से नशे को भगाया:

किरण ने 1999 में अमृतसर के मकबूलपुरा इलाके में सिटीजन फोरम विद्या मंदिर खोला। इसमें गरीब व नशे के बर्बाद हुए परिवारों के बचों को फ्री शिक्षा दी जाती है। मकबूलपुरा इलाके में सबसे अधिक नशा होता था, लेकिन विद्या मंदिर की स्थापना के बाद इलाका नशामुक्त होने लगा। अब पंजाब सरकार ने किरण को नशे के खिलाफ गठित रायस्तरीय कमेटी में सदस्य मनोनीत किया है। किरण अपनी संस्था 'इंडिया विजन फाउंडेशन' चला रही हैं, वहीं सिटीजन फोरम विद्या मंदिर के जरिये जरूरतमंद बचों को ज्ञान बांट रही हैं।