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निचली अदालत मस्जिद के खिलाफ मुकदमे की वैधता तय कर सकती है: कर्नाटक हाई कोर्ट

कर्नाटक हाई कोर्ट में दो व्यक्तियों ने एक याचिका दायर का निचली अदालत को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह मुकदमे के रखरखाव के पहलू पर सुनवाई न करे। लेकिन उससे पहले सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त करे।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 01:45 PM (IST)
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला (फाइल फोटो)

बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने मंगलुरु में एक मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। मंगलुरु के टी ए धनंजय और बी ए मनोज कुमार द्वारा एक मूल मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मंगलुरु के पास थेंका उलिपडी गांव, मलाली (Thenka Ulipady Village, Malali) में असैद अब्दुल्लाही मदनी मस्जिद (Assayed Abdullahi Madani Mosque) के नवीनीकरण के दौरान एक मंदिर के कुछ हिस्सों की खोज की गई थी।

मंगलुरु में तीसरे अतिरिक्त सिविल कोर्ट से पहले उन्होंने इस दावे को सत्यापित करने के लिए मस्जिद के एक सर्वेक्षण की मांग की थी। अदालत इस दलील पर सुनवाई कर रही थी कि क्या इस तरह का मुकदमा चलने योग्य है।

हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

दोनों व्यक्तियों टी ए धनंजय और बीए मनोज कुमार ने एक याचिका के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें निचली अदालत को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह मुकदमे के रखरखाव के पहलू पर सुनवाई न करे, लेकिन पहले सर्वेक्षण करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त करे।

हिंदू ढांचे को हटाने का था डर

याचिकाकर्ताओं को डर था कि अगर मुकदमा खारिज कर दिया गया, तो मस्जिद के अधिकारियों द्वारा हिंदू ढांचे को हटा दिया जाएगा।

हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज

हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन शंकर मगदुम की सिंगल जज बेंच ने शुक्रवार को याचिका खारिज कर दी। यह निचली अदालत के लिए यह तय करने का मार्ग प्रशस्त करता है कि मुकदमा चलने योग्य है या नहीं।