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मनोज पांडे होंगे देश के नए सेना प्रमुख, का‌र्प्स आफ इंजीनियर ब्रांच के सेनाध्यक्ष बनने वाले पहले अफसर, जानें क्‍या होंगी चुनौतियां

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अगले भारतीय सेना प्रमुख होंगे। वे इस पद पह पहुंचने वाले पहले इंजीनियर अधिकारी हैं। मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ही थलसेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 19 Apr 2022 01:10 AM (IST)
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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे देश के अगले थल सेना प्रमुख होंगे। केंद्र सरकार ने नए सेनाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। वह इसी महीने 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की जगह एक मई को भारतीय सेना की कमान संभालेंगे। कई विशेष सैन्य आपरेशनों में हिस्सा ले चुके लेफ्टिनेंट जनरल पांडे इस समय देश के उप सेना प्रमुख हैं।

का‌र्प्स आफ इंजीनियर ब्रांच के पहले अफसर

सरकार ने नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में इस बार वरिष्ठता की कसौटी का पालन करना मुनासिब समझा है और लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे वर्तमान शीर्षस्थ अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ हैं। खास बात यह भी है कि वह सेना प्रमुख के पद पर पहुंचने वाले का‌र्प्स आफ इंजीनियर ब्रांच के पहले अफसर हैं।

सेना के काबिल अफसरों में शुमार

उप सेना प्रमुख बनने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल पांडे पूर्वी कमान के कमांडिंग आफिसर और अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ का पद भी संभाल चुके हैं। सेना के काबिल अफसरों में शुमार किए जाने वाले पांडे सेना में अपनी सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि से सम्मानित किए जा चुके हैं।

कई शांति मिशनों में दी सेवाएं

पांडे ने नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी के जरिये 1982 में का‌र्प्स आफ इंजीनियर में बतौर सेना अधिकारी कमीशन हासिल किया था। वह ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कालेज का भी हिस्सा रहे और संयुक्त राष्ट्र के कई शांति मिशनों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

आपरेशन पराक्रम में निभाई थी यह भूमिका

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने संसद पर हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर आपरेशन पराक्रम में तैनाती के दौरान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट का नेतृत्व भी किया था।

आठ माउंटेन डिवीजन की संभाली कमान

इसके बाद आर्मी वार कालेज महू से हायर कमांड कोर्स पूरा किया और मेजर जनरल बनने के बाद पश्चिमी लद्दाख में ऊंचाई वाले अभियानों में शामिल आठ माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली। फिर सेना मुख्यालय में सैन्य अभियान निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में काम किया।

ये होंगी चुनौतियां

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ऐसे समय देश के सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे जब बीते दो साल से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रही सैन्य जटिलताएं अभी भी बनी हुई हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के नए खतरों की आशंकाएं कायम हैं तो मौजूदा रूस-यूक्रेन युद्ध के प्ररिप्रेक्ष्य में नई तरह की सामरिक चुनौतियों से रूबरू होना पड़ेगा। इनके बीच सेना का आधुनिकीकरण और जरूरी अस्त्र-शस्त्रों की यथाशीघ्र आपूर्ति नए सेना प्रमुख के लिए सबसे अहम होगी।

एनडीए के 61वें बैच के होंगे तीनों सेना प्रमुख

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे के सेनाध्यक्ष बनने के बाद तीनों सेना प्रमुख एनडीए के 61वें बैच के होंगे। वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और नौसेना अध्यक्ष एडमिरल हरि कुमार उसी बैच के हैं।

नागपुर से ताल्लुक रखते हैं मनोज पांडे

थलसेना के 29वें प्रमुख नियुक्त हुए मनोज पांडे महाराष्ट्र के नागपुर से ताल्लुक रखते हैं। उनका बेटा अक्षय वायुसेना में अधिकारी है, जबकि उनके एक भाई संकेत पांडे सेना से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। छह मई, 1962 को जन्मे मनोज पांडे के पिता सीजी पांडे नागपुर विश्वविद्यालय में और मां प्रेमा आल इंडिया रेडियो में काम करती थीं। उनकी मां अब दुनिया में नहीं हैं, जबकि पिता नागपुर में रहते हैं।