सेवानिवृत सैनिकों को राहत, 2006 से लागू होगी एमएसीपी स्कीम
अधिकारी वर्ग से नीचे रैंक के सैनिकों (पीबीओआर) को मॉडीफाई एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम (एमएसीपी) का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलेगा।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सेवानिवृत सैनिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अधिकारी वर्ग से नीचे रैंक के सैनिकों (पीबीओआर) को मॉडीफाई एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम (एमएसीपी) का लाभ एक जनवरी 2006 से मिलेगा। यानी जिस तारीख से छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई हैं उसी तारीख से एमएसीपी का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने योजना का लाभ एक सितंबर 2008 से लागू करने का सरकार का आदेश रद कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 1 जनवरी 2006 से लेकर 30 अगस्त 2008 के बीच सेवानिवृत होने वाले उन सैनिकों को लाभ मिलेगा जिन्हें तब तक 24 साल की नौकरी पूरी होने के बावजूद एमएसीपी स्कीम के मुताबिक अगली रैंक का ग्रेड पे नहीं मिला था।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गत शुक्रवार को आर्म्स फोर्स ट्रिब्युनल (एएफटी) के आदेश के खिलाफ दाखिल सरकार की याचिकाएं ठुकराते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एफटी का फैसला सही ठहराते हुए कहा कि छठे वेतन आयोग की अधिसूचना के मुताबिक एमएसीपी स्कीम ग्रेड पे स्ट्रक्चर का पार्ट है। कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक आदेश गजट नोटीफिकेशन के ऊपर नहीं हो सकता।
कोर्ट ने एमएसीपी को भत्ता मानने की सरकार की दलील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस स्कीम को एक सितंबर 2008 से लागू करने का आफिस आदेश 30 मई 2011 को जारी किया, तब तक आर्मी सहित सभी को यही मालूम था कि एमएसीपी स्कीम छठा वेतन आयोग लागू होने की तिथि 1 जनवरी 2006 से लागू है।
यह मामला सैनिकों (पीबीओआर) से जुड़ा है। रक्षा मंत्रालय ने 30 अगस्त 2008 को अधिसूचना जारी कर छठे वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से लागू करने की घोषणा की। लेकिन, रक्षा मंत्रालय ने 30 मई 2011 को एक आफिस आदेश जारी कर एमएसीपी स्कीम 1 सितंबर 2008 से लागू करने की घोषणा की। इस आफिस आदेश को सेना में हवलदार पद से सेवानिवृत हुए जीआर कालीराणा और अन्य सेवानिवृत सैनिकों ने एएफटी में चुनौती दी। उनके वकील पंकज मेहता और कौस्तुंब अंशुराज ने एमएसीपी स्कीम भी 1 जनवरी 2006 से लागू करने की मांग की। जिस तिथि से छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई हैं।
सरकार ने यह कहते हुए विरोध किया कि ये स्कीम वेतनमान का हिस्सा नहीं है ये भत्ता माना जाएगा इसलिए ये बाद से लागू होगी और जो लोग 1 सितंबर 2009 से पहले रिटायर हुए हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। एएफटी ने 21 मई 2014 को याचिकाएं स्वीकार करते हुए एमएसीपी स्कीम एक जनवरी 2006 से ही लागू करने का आदेश दिया।
इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट आयी थी। कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज करते हुए एएफटी के आदेश पर मुहर लगा दी है। एमएसीपी स्कीम के मुताबिक जो भी व्यक्ति 8,16 या 24 वर्ष की नौकरी पूरी कर लेता है तो उसी रैंक में रहते हुए भी अगली रैंक का पे ग्रेड मिलता है।
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