Move to Jagran APP

Indian Air Force में शामिल हुए हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड', राजनाथ सिंह बोले - लंबे समय से थी इनकी जरूरत

Light Combat Helicopte बेड़े में शामिल किए जाने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एलसीएच दुश्मन को चकमा देने कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और उसे तुरंत घटना स्थल पर पहुंचने में पूरी तरह से सक्षम है।

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Mon, 03 Oct 2022 01:12 PM (IST)
Hero Image
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मौजूदगी में हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना में किया गया शामिल
नई दिल्ली/जोधपुर, एएनआइ। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force, IAF) को सोमवार को एक नई ताकत मिल गई है। भारतीय वायुसेना में युद्ध कौशल को बढ़ावा देने के लिए देश में विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter, LCH) के पहले जत्थे को शामिल कर लिया गया है। पहले जत्थे में भारतीय वायुसेना को 10 हेलीकॉप्ट मिले हैं। स्वदेशी रूप से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर एयरबेस पर हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' से उड़ान भी भरी है।

प्रचंड रखा गया इन हेलीकॉप्टरों का नाम

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थिति में इन हल्के हेलीकॉप्टरों का नामकरण किया गया। जोधपुर एयरबेस से भारतीय वायु सेना में शामिल हुए इन हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर का नाम 'प्रचंड' रखा गया है।

बेड़े में शामिल किए जाने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एलसीएच दुश्मन को चकमा देने, कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और उसे तुरंत घटना स्थल पर पहुंचने में सक्षम है। एलसीएच विभिन्न इलाकों में हमारे सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करते हैं। यह हमारी सेना और वायु सेना दोनों के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म हैं।

लंबे से इन हेलीकॉप्टरों की थी जरूरत: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि लंबे समय से हमलावर हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी जरूरत को गंभीरता से महसूस किया गया था। एलसीएच दो दशकों के रिसर्च एवं विकास का परिणाम हैं। भारतीय वायुसेना में इनका शामिल होना रक्षा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

वहीं, इसके पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि इन हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा।

राजनाथ सिंह और वायसेना प्रमुख रहे मौजूद

फोर्स में शामिल होने वाले यह नए हेलिकॉप्टर हवाई युद्ध में सक्षम है और संघर्ष के दौरान धीमी गति से चलने वाले विमानों, ड्रोन और बख्तरबंद टैंकरों से निपटने में एयर फोर्स की मदद करेगा। आज के इस समारोह का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी उपस्थित हैं।

10 भारतीय वायुसेना और 5 थल सेना के लिए 

इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी। इन 15 हेलीकॉप्टरों में से 10 भारतीय वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह हथियारों और ईंधन के साथ 5,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं। 

लद्दाख और रेगीस्तानी क्षेत्र में किया जाएगा तैनात

इन हेलीकॉप्टरों को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए प्राथमिक रूप से डिजाइन किया गया है। सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लद्दाख और रेगिस्तानी क्षेत्र में हेलिकॉप्टरों को बड़े पैमाने पर तैनात किया जाएगा। भारतीय वायुसेना ने पिछले तीन-चार सालों में चिनूक, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और अब एलसीएच को शामिल करने के साथ कई हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया है।

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना अब चिनूक हेलिकॉप्टरों में महिला पायलटों को भी तैनात कर रहा है, जो उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर नियमित आपूर्ति मिशन ले जा रहे हैं। वहीं, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (LSP) एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है।

यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के सभी मामलों की सूची पहले अटार्नी जनरल के सामने रखने के निर्देश

यह भी पढ़ें : IAF: वायुसेना की Eastern Command के प्रमुख बने एयर मार्शल एस पी धारकर, एयर मार्शल डीके पटनायक की ली जगह