लॉकडाउन से गरीबों की रोजी-रोटी पर आए संकट को लेकर मप्र सरकार राशन देगी मुफ्त
सेंट्रल जेल सतना से रीवा लाए गए इंदौर के दो कोरोना पॉजिटिव बंदियों को लेकर सियासत तेज हो गई है। यहां नेता व आम लोग प्रशासन के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Tue, 14 Apr 2020 01:31 AM (IST)
इंदौर, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन से गरीबों की रोजी-रोटी पर आए संकट को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार अब अप्रैल से जून तक का राशन भी निशुल्क देगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से प्रदेश के पांच करोड़ 44 लाख व्यक्तियों को प्रतिमाह के हिसाब से पांच किलोग्राम चावल मिलेगा। प्रति परिवार प्रतिमाह एक किलो दाल भी दी जाएगी। पहले माह चना दाल मिलेगी और इसके बाद तुअर दाल देने की तैयारी है। इसके पहले मार्च, अप्रैल और मई का गेहूं और चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एक करोड़ 16 लाख पात्र परिवार को उपलब्ध कराया जा चुका है।
दूसरे राज्यों के फंसे सात हजार श्रमिकों के खातों में जमा हुए 70 लाखइसके अलावा शिवराज सरकार ने दूसरे राज्यों के मध्य प्रदेश में फंसे सात हजार श्रमिकों के खातों में भी 70 लाख रुपये जमा करा दिए हैं। इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक शामिल हैं।
उद्योगों को मिल सकती है छूटआर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए सरकार कुछ उद्योगों को काम शुरू करने की शर्तो के साथ छूट दे सकती है। दवा, खाद्य प्रसंस्करण, बेकरी, ईट-भट्टे और निर्माण उद्योग के लिए रोडमैप तैयार किया जा चुका है। एक-दो दिन में इसकी घोषणा हो जाएगी। प्रदेश सरकार लॉकडाउन बढ़ाने की पक्षधर है पर जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंचा है, वहां सावधानियां बरतते हुए उद्योगों शुरू करने की छूट दी जा सकती है।
दो कोरोना पॉजिटिव बंदियों को लेकर सियासत तेजरविवार को सेंट्रल जेल सतना से रीवा लाए गए इंदौर के दो कोरोना पॉजिटिव बंदियों को लेकर सियासत तेज हो गई है। यहां नेता व आम लोग प्रशासन के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर जिलेवासियों को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस बारे में उचित निर्णय लिया जाएगा। लोगों का कहना है कि जब संभाग के लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन कर खुद को सुरक्षित रखा है, ऐसे समय पर दो कोरोना संक्रमित बंदियों को यहां लाना न्यायसंगत नहीं है।
विरोधस्वरूप मेडिकल दुकानें बंदविरोधस्वरूप दवा विक्रेता संघ ने सोमवार को एक दिन के लिए मेडिकल दुकानें बंद रखीं। कांग्रेस नेताओं ने भी कलेक्टर बसंत कुर्रे को पत्र सौंपकर दोनों कोरोना बंदियों को अविलंब संभाग से बाहर करने को कहा है। बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता शिवेंद्र उपाध्याय ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर दोषी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की है। जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि इंदौर से जबलपुर जेल में अब बंदियों को स्थानांतरित नहीं किए जाने के लिए शासन को पत्र लिखा है।
घर पहुंच गए तीन लोगइंदौर से एक ट्रक में बैठकर गुना पहुंचे छह लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद क्वारंटाइन किया गया था, लेकिन इनमें से तीन लोग अपने घर पहुंच गए। पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लॉकडाउन के चलते शहर में हालात बदतर होने की शिकायत करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। झाबुआ में बीएसएफ अधिकारी और उसके परिवार के सदस्यों को लॉकडाउन के उल्लंघन पर गिरफ्तार किया गया है। गुना जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्ध महिला को सोमवार सुबह उसके परिजन गेट तोड़कर ले गए। महिला का पता नहीं चला है।
स्वस्थ हो चुके युवक से अभद्रताशिवपुरी जिले के माधवनगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज के स्वस्थ होने के बावजूद पड़ोसियों द्वारा दुर्व्यवहार की सूचना पर सोमवार को प्रशासन की टीम उसके घर पहुंची। स्वस्थ हो चुके युवक ने बताया कि पड़ोसी उनके घर दूध, सब्जी व पानी वाले तक को नहीं आने दे रहे थे। उन्हें भड़का रहे थे कि तुम भी बीमार हो जाओगे। हालांकि पड़ोसियों ने इससे इन्कार किया है। उनका कहना है कि उन्होंने युवक को घर पर ही रहने की सलाह जरूर दी थी। युवक के घर पर पुलिस गार्ड तैनात कर दिए हैं।