Madras Day 2023: कैसे मद्रास से चेन्नई हो गया 384 साल पुराना ये शहर, पढ़ें क्या है इसका इतिहास और महत्व
Madras Day 2023 आज चेन्चई 384 साल का हो गया है। इस दिन को चेन्नई में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल 22 अगस्त को इस दिन को मनाया जाता है। मद्रास की स्थापना 1639 में की गई थी। इस साल मद्रास दिवस 2023 को मनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Tue, 22 Aug 2023 09:31 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Madras Day 2023: आज चेन्नई (पहले मद्रास) के लिए बेहद खास दिन है। आज चेन्नई शहर 384 साल का हो गया है। मद्रास दिवस, मद्रास शहर का स्थापना दिवस (Madras Day 2023), जिसे अब चेन्नई कहा जाता है, हर साल 22 अगस्त को मनाया जाता है। मद्रास की स्थापना 1639 में की गई थी।
लेकिन, इस शहर की स्थापना को मनाने के लिए, 2004 में लोगों के एक छोटे समूह द्वारा मद्रास दिवस की शुरुआत की गई थी।
इतिहास के रिकॉर्ड के अनुसार, 22 अगस्त 1639 को मद्रासपट्टनम या चेन्नापट्टनम गांव को ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों एंड्रयू कोगन और फ्रांसिस डे (Andrew Kogan and Frances Day) ने विजयनगर साम्राज्य के वाइसराय दामरला वेंकटाद्रि नायक से खरीदा था।
तो ऐसे बना था मद्रास...
Themadrasday.in के अनुसार, मद्रास दिवस एक विचार था जिसे तीन लोगों ने मिलकर बनाया था। इसमें शहर के प्रसिद्ध इतिहासकार, एस. मुथैया, पत्रकार शशि नायर और प्रकाशक विंसेंट डी'सूजा शामिल थे।
इसके बाद में, उनके साथ तीन अन्य वरिष्ठ पत्रकार और संपादक सुशीला रवींद्रनाथ, पत्रकार और वेबसाइट इंटरप्रेन्योर रेवती आर और इंटरप्रेन्योर और लेखक-इतिहासकार वी. श्रीराम भी शामिल हो गए।
आज, चेन्नई कई कारणों से जाना जाता है जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, IT, पर्यटन, ऑटो उद्योग, फिल्में आदि शामिल हैं।मद्रास दिवस (Madras Day History) के माध्यम से, शहर के लोग इसके इतिहास, मद्रास से चेन्नई तक की यात्रा, इसकी जीवंत संस्कृति, इसकी समृद्ध विरासत, इसके अतीत और इसके वर्तमान का जश्न मनाते हैं। शहर में समुदाय, समूह, कंपनियाँ और परिसर जश्न मनाने और आनंद लेने के लिए कार्यक्रमों की मेजबानी करते हैं।
नृत्य और संगीत समारोह, कविता, हेरिटेज वॉक, स्कूल एक्सचेंज कार्यक्रम, फोटो प्रदर्शनी, फूड फेस्ट और विंटेज कार और बाइक रैलियां और कई अन्य तरीके हैं जिसके माध्यम से शहर में जश्न मनाया जाता है।इस साल, मद्रास दिवस (Madras Day) मनाने के लिए 75 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से 15 से अधिक हेरिटेज वॉक और 20 वार्ताएं (Talks) पूरे शहर में आयोजित की जानी हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय और सेंट जॉर्ज किले के अंदर पदयात्रा आयोजित की जाएगी। 26 अगस्त को एग्मोर में मद्रास संग्रहालय का भ्रमण आयोजित किया जाएगा।इस साल, मद्रास दिवस (Madras Day Celebration) मनाने के लिए 75 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से 15 से अधिक हेरिटेज वॉक और 20 Talks पूरे शहर में आयोजित की जाएंगी। मद्रास उच्च न्यायालय और सेंट जॉर्ज किले के अंदर पदयात्रा आयोजित की जाएगी। 26 अगस्त को एग्मोर में मद्रास संग्रहालय का दौरा आयोजित किया जाएगा। 27 अगस्त को रोयापेट्टा में एक फोटोवॉक आयोजित किया जाएगा।
ये होगी इस साल की थीम
2023 में, चेन्नई अपनी स्थायी विरासत का प्रदर्शन करते हुए अपना 384वां जन्म-दिवस मनाएगा। CII चेन्नई जोन, loveable and Livable Chennai थीम के साथ चेन्नई दिवस मनाएगा जिसके तहत कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।क्या है मद्रास दिवस का इतिहास?
मद्रास की सबसे पुरानी इमारत 7वीं और 8वीं शताब्दी ई.पू. की है। शहर में एक समृद्ध विरासत और परंपराएं हैं जो प्रचलित प्राचीन संस्कृति को परिभाषित करती हैं। द्रविड़ वास्तुकला से बने शहर में पार्थसारथी मंदिर और कपालेश्वर मंदिर प्राचीन स्पर्श के उदाहरण हैं। मद्रास शहर ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) द्वारा स्थापित दो शहरों मुंबई और कोलकाता से बड़ा है। इससे पहले, मद्रास ब्रिटिश प्रशासन द्वारा बनाई गई कोई बस्ती नहीं थी। हालाँकि, EIC ने विजयनगर साम्राज्य के वायसराय, दमारला वेंकटाद्रि नायक से मद्रासपट्टनम गाँव खरीदने का सौदा किया।पुराने दस्तानवेजों में 22 जुलाई 1639 की तारीख को मद्रास का जन्मदिन बताया गया है, जिसे बाद में तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर सुधार कर 22 अगस्त कर दिया गया। मद्रास अपनी समृद्ध विरासत और संस्कृति के कारण हमेशा ब्रिटिश प्रशासन के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। अंग्रेजों का विशेष ध्यान कोरोमंडल तट पर था, क्योंकि यह व्यापार और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कारखाने और गोदाम बनाने के लिए सबसे स्वीकार्य स्थान था। शहर के अधिकांश मुख्य आकर्षण चोल, पांड्य, चेरा, पल्लव और विजयनगर पल्लव के शासन के दौरान अस्तित्व में आए।मद्रास की महत्वपूर्ण बातें
- चेन्नई का पुराना नाम मद्रास था। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास का नाम साल 1996 में बदलकर दिया था और नया नाम चेन्नई कर दिया गया था।
- चेन्नई शहर शास्त्रीय नृत्य-संगीत कार्यक्रमों और मंदिरों के लिए लोगों के बीच काफी मशहूर है।
- 'चेन्नई' नाम अंग्रेजों द्वारा बनाए गए फोर्ट सेंट जॉर्ज के पास एक शहर चेन्नापटनम से लिया गया था।
- चेन्नई का सबसे मशहूर मंदिर कांचीपुरम में स्थित एकम्बरेश्वर मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण साल 1680 में अलंगानाथ पिल्लई द्वारा करवाया गया था।
- 'फोर्ट सेंट जॉर्ज' भारत के पहले ब्रिटिश किले का नाम है जिसकी स्थापना 1639 में मद्रास आधुनिक शहर चेन्नई में हुई थी।