तलाक के लिए कोर्ट जाएं मुस्लिम महिलाएं, शरीयत परिषद अदालत नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
Madras High Court मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक प्रक्रिया खुला को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को विवाह संबंध खत्म करने के लिए शरीयत परिषद जैसी निजी संस्थाओं के पास जाने की जरूरत नहीं है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Thu, 02 Feb 2023 09:13 AM (IST)
चेन्नई, पीटीआई। मद्रास हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं की तलाक प्रक्रिया 'खुला' को लेकर अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं इसके लिए फैमिली कोर्ट जा सकती हैं। वे शरीयत जैसे निकायों में जाने के लिए बाध्य नहीं हैं। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा कि शरीयत जैसी निजी संस्था 'खुला' के जरिए शादी खत्म करने की ना तो घोषणा कर सकती है और ना ही इसे प्रमाणित कर सकती है।
कोर्ट ने आगे कहा, "वे विवादों की अदालतें या मध्यस्थ नहीं हैं। अदालतें भी इस तरह की प्रथा से भड़क गई हैं।" निजी संस्थाओं द्वारा तलाक को लेकर जारी सर्टिफिकेट अमान्य है।
क्या है मामला?
दरअसल, तमिलनाडु के रहने वाले तौहीद जमात ने शरीयत परिषद की ओर से जारी अपनी पत्नी को 'खुला' सर्टिफिकेट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस सी सरवनन ने शरीयत परिषद द्वारा 2017 में जारी किए गए प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 2017 के बदर सईद बनाम भारत सरकार केस का भी जिक्र किया। तब हाईकोर्ट ने काजियों द्वारा 'खुला' सर्टिफिकेट जारी करने से रोक लगा दी थी।