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Bihar में जातीय गणना पर महाभारत, RJD ने केंद्र पर जाति सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास करने का लगाया आरोप

Caste Enumeration in Bihar राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में जातीय गणना को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। राजद सांसद और पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने दावा किया कि इस मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अदालत में मौजूदगी से पता चलता है कि जाति सर्वेक्षण को रोकने के प्रयास में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) सीधे तौर पर शामिल है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 29 Aug 2023 03:28 PM (IST)
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राजद सांसद और पार्टी प्रवक्ता मनोज झा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। बिहार (Bihar) में जातीय गणना कराने के मामले में राजद सांसद और पार्टी प्रवक्ता मनोज झा (Manoj jha) का बड़ा बयान आया है। राष्ट्रीय जनता दल ने मंगलवार को केंद्र पर बिहार में जाति सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास करने और समाज के एक बड़े वर्ग को उनके अधिकारों से "वंचित" करने का आरोप लगाया।

राजद सांसद और पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने दावा किया कि इस मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अदालत में मौजूदगी से पता चलता है कि जाति सर्वेक्षण को रोकने के प्रयास में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) सीधे तौर पर शामिल है।

सांसद मनोज झा ने अपने एक वीडियो बयान में कहा, "पीएमओ के निर्देश पर, बिहार में लगभग पूरे हो चुके जाति सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पता चलता है कि भाजपा और संघ समाज के इतने बड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करना चाहते हैं। यह उनकी प्राथमिकता है।" 

उनकी यह टिप्पणी केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को बताए जाने के एक दिन बाद आई है कि संबंधित कानून के तहत केवल केंद्र को ही जनगणना कराने का अधिकार है क्योंकि यह विषय संविधान की संघ सूची के अंतर्गत आता है।

बिहार में जाति सर्वेक्षण कराने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह के संबंध में दायर केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र एससी, एसटी, एसईबीसी और ओबीसी के उत्थान के लिए संवैधानिक और लागू कानूनों के अनुसार सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

'जाति सर्वेक्षण को रोकने में पीएमओ सीधे तौर पर शामिल'

अपनी टिप्पणी में मनोज झा ने कहा,'तुषार मेहता की मौजूदगी से साफ पता चलता है कि जाति सर्वेक्षण को रोकने में पीएमओ सीधे तौर पर शामिल है।' हलफनामे में पांचवें बिंदु में 'जनगणना और जनगणना के समान कुछ भी' का उल्लेख किया गया है, जो सर्वेक्षण को रोकने के प्रयास का भी संकेत देता है। उन्होंने दावा किया कि यह अनजाने में हुई गलती थी, लेकिन उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया।''

उन्होंने कहा, यह "अनजाने में" नहीं था बल्कि सर्वेक्षण को रोकने के लिए "जानबूझकर" किया गया था।

मनोज झा ने आगे कहा, "आप (केंद्र) समाज के इतने बड़े वर्ग को उसके अधिकारों से वंचित करके ज्वालामुखी को निमंत्रण दे रहे हैं। यह सब करके आप बेनकाब हो रहे हैं। आप जाति सर्वेक्षण को नहीं रोक सकते।"