Mahadev Betting App: महादेव सट्टा एप मामले में अब इस चर्चित कंपनी का आया नाम, पुलिस ने दर्ज की FIR, अब तक 31 पर केस
महादेव सट्टा एप मामले में 31 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज है जबकि 32वें के स्थान पर अज्ञात का जिक्र है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर की शिकायत पर सात नवंबर को मुंबई में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी तरफ ग्रुप ने मुंबई पुलिस की एफआईआर को झूठ का पुलिंदा बताया और कहा कि गहन जांच में सच सामने आ जाएगा और आरोप निराधार साबित होंगे।
एएनआई, मुंबई। महादेव सट्टेबाजी एप घोटाले की आंच डाबर ग्रुप के चेयरमैन और निदेशक तक पहुंच गई है। मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में कुल 32 लोगों के नाम हैं। इसमें डाबर के चेयरमैन मोहित बर्मन और निदेशक गौरव बर्मन भी शामिल हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी और जुए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपों को किया खारिज
उधर, डाबर ग्रुप ने मुंबई पुलिस की एफआईआर को झूठ का पुलिंदा बताया और कहा कि गहन जांच में सच सामने आ जाएगा और आरोप निराधार साबित होंगे। एफआईआर के अनुसार, महादेव सट्टेबाजी एप में आरोपित के रूप में डाबर कंपनी के चेयरमैन मोहित बर्मन को 16वें नंबर पर सूचीबद्ध किया गया है जबकि निदेशक गौरव बर्मन 18वें नंबर पर हैं।
अभिनेता साहिल खान का भी नाम
इस मामले में 31 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज है जबकि 32वें के स्थान पर अज्ञात का जिक्र है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर की शिकायत पर सात नवंबर को मुंबई में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में अभिनेता साहिल खान का नाम आरोपित के रूप में 26वें नंबर पर दर्ज है। साहिल पर महादेव के आनलाइन सट्टेबाजी एप से संबंधित एक और सट्टेबाजी एप चलाने का आरोप है।
साहिल पर न केवल प्रमोशन का बल्कि एप चलाकर भारी मुनाफा कमाने का भी आरोप है। इससे पहले साहिल खान को दुबई में आनलाइन सट्टेबाजी एप की एक पार्टी के वीडियो में देखा गया था। इसे उस वक्त प्रमोशनल वीडियो बताया गया था। अब एप संचालक के तौर पर एफआईआर में नाम आने से साहिल खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
साहिल के खिलाफ दूसरा मामला खिलाड़ी नाम का सट्टेबाजी एप चलाने के आरोप में दर्ज किया गया है।जानकारी के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता बनकर ने दावा किया है कि महादेव एप के जरिये हजारों लोगों से 15,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ईडी महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी एपीपी सिंडिकेट की जांच कर रही है।
450 करोड़ रुपये से अधिक की आय जब्त
इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के प्रमोटर विदेश में बैठे हैं और अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद से भारत में सट्टेबाजी एप चला रहे हैं। ईडी के अनुसार उसने पहले ही चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध से जुटाई गई आय जब्त कर ली है। दो नवंबर को ईडी को खुफिया जानकारी मिली थी कि सात और 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के संबंध में महादेव एपीपी के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी ले जाई जा रही है।
ईडी ने होटल ट्राइटन और भिलाई में एक अन्य स्थान पर तलाशी ली और एक कैश कूरियर असीम दास को पकड़ा। आरोप है कि उसे सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात से भेजा गया था।
ईडी का दावा है कि असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच और महादेव नेटवर्क के एक उच्च पदस्थ आरोपित द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। नियमित भुगतान अतीत में किए गए हैं और अब तक महादेव एपीपी प्रमोटर्स द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
बर्मन परिवार ने कहा- आरोप बेबुनियाद
डाबर के प्रमोटर बर्मन परिवार ने कहा है कि समूह के दो वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई एफआइआर और कुछ नहीं बल्कि उनकी तरफ से किए जा रहे रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के अधिग्रहण को रोकने का प्रयास है और निहित स्वार्थी कदम है। परिवार ने इस मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इन्कार किया है। बर्मन परिवार के प्रवक्ता ने कहा कि सट्टेबाजी से जुड़े कथित आरोप बेबुनियाद हैं।
एफआईआर शरारतपूर्ण कृत्य है। हमें भरोसा है कि गहन जांच के बाद सच सामने आ जाएगा। ग्रुप की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इस दुर्भावनापूर्ण प्रयास का राज खुलेगा। बता दें कि बर्मन परिवार ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी 21.24 बढ़ाने की मांग की है और सेबी टेकओवर कोड के तहत खुली पेशकश शुरू की है।
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