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अवमानना कार्यवाही के खिलाफ महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला

यह मामला उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास के बाजार दर पर किराया अदा करने का है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार दर पर सरकारी आवास का किराया वसूलने का आदेश दिया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Tue, 17 Nov 2020 09:59 PM (IST)
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उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को भगत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोश्यारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास का बाजार दर पर किराया वसूले जाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने हाई कोर्ट से जारी अवमानना कार्यवाही के नोटिस मामले में भी अंतरिम राहत मांगी है।

यह है पूरा मामला

यह मामला उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास के बाजार दर पर किराया अदा करने का है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार दर पर सरकारी आवास का किराया वसूलने का आदेश दिया है। कोश्यारी को भी पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर मिले सरकारी आवास का किराया देने के मामले में हाई कोर्ट से नोटिस जारी हुआ है।

संविधान के तहत राज्यपाल को कानूनी कार्यवाही से मिली छूट का मुद्दा उठाया 

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उन्होंने याचिका में संविधान के तहत राज्यपाल को कानूनी कार्यवाही से मिली छूट का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि क्या संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को अदालती केस से मिली छूट को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी करने में अनदेखा किया जा सकता है। कोश्यारी ने कहा है कि किराया बहुत बढ़ा कर तय किया गया है। इसे तय करने से पहले उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। कोश्यारी ने हाई कोर्ट के तीन मई, 2019 के आदेश को चुनौती दी है।