'NSE के बिना कोई विकसित भारत नहीं', मुंबई में आइकॉनिक बुल स्टैच्यू का अनावरण कर बोले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन
महाराष्ट्र स्थित नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज मुख्यालय में बुल की मशहूर प्रतिमा का अनावरण शुक्रवार को किया गया। राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन ने बुल के साथ एनएसई की खास यात्रा पर आधारित द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स नामक स्मारक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की। उन्होंने कहा कि एनएसई की भूमिका के बिना कोई विकसित भारत नहीं है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज मुख्यालय में बुल की प्रतिष्ठित प्रतिमा का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने एनएसई के एमडी और सीईओ श्री आशीषकुमार चौहान के साथ 'द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स' नामक एक स्मारक कॉफी टेबल बुक लॉन्च की।
गौरतलब है कि एनएसई बुल की प्रतिमा ताकत, शक्ति और लचीलेपन का प्रतिनिधित्व करती है- जो गुण भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैल के मजबूत पैर, उभरा हुआ कूबड़ और जबरदस्त उपस्थिति देश के मजबूत वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतीक है।
बुल के चारों ओर खास प्रतिमाएं
बुल के चारों ओर विभिन्न पृष्ठभूमियों से भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली हस्तियों - जैसे कि एक स्कूल जाने वाला लड़का, एक ग्रामीण महिला और पेशेवर की भी मूर्तियां हैं, जो कि भारत के निवेश परिदृश्य की समावेशिता और एकता को रेखांकित करती है। यह प्रतिष्ठित रचना आर्थिक प्रगति के एक साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करते हुए राष्ट्र के सामूहिक प्रयासों को दर्शाती है।एनएसई की कॉफी टेबल बुक, 'द जर्नी ऑफ एम्पावरिंग 1.4 बिलियन ड्रीम्स' एनएसई के विकास और पिछले 30 वर्षों में भारत की विकास कहानी में इसके योगदान का प्रतिबिंब है। 1994 में अपने इसकी शुरुआत के बाद से पिछले 30 वर्षों में एनएसई ने भारत के पूंजी बाजार में जो क्रांति लाई है। यह पुस्तक भारत के विकास में एनएसई की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करती है।
(स्मारक कॉफी टेबल बुक लॉन्च करते राज्यपाल)