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महाराष्ट्र में बड़ा खतरा बन रहे हैं बिना लक्षण वाले संक्रमित, मुंबई में लोकल ट्रेने खोलने के हफ्ते भर में दोगुना हुए मामले

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे बिना लक्षण वाले मरीजों की भूमिका अहम है। मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए एक फरवरी से आम लोगों के लिए शुरू की गई लोकल ट्रेन की सुविधा भी एक बड़ा कारण है।

By Arun kumar SinghEdited By: Updated: Mon, 22 Feb 2021 10:53 PM (IST)
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मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेनें

 मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे बिना लक्षण वाले मरीजों की भूमिका अहम है। मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए एक फरवरी से आम लोगों के लिए शुरू की गई लोकल ट्रेन की सुविधा भी एक बड़ा कारण है। एक फरवरी से पहले तक मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेनें सिर्फ आवश्यक सेवाओं में कार्य कर रहे लोगों के लिए खुली थीं। उस समय तक मुंबई में कोरोना के मामले घटकर प्रतिदिन 400 तक आ गए थे और मुंबई राहत की सांस लेने लगी थी। 

एक फरवरी से सीमित अवधि के लिए सभी लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दे दी गई है। इसके एक सप्ताह बाद ही मुंबई में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे। अब मुंबई में प्रतिदिन 700 से 800 नए मामले मिलने लगे हैं। बढ़ते मामलों का एक और बड़ा कारण लोगों का मास्क नहीं लगाना भी है। लोकल ट्रेनों में मास्क न लगाने वाले 2,200 से अधिक यात्रियों का चालान पिछले 21 दिनों में हो चुका है। मुंबई पुलिस पिछले साल मार्च से अब तक बिना मास्क वाले लोगों से 31 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूल कर चुकी है। इनमें बड़ी मुसीबत ऐसे व्यक्ति बनते दिखाई दे रहे हैं, जिनकी टेस्ट रिपोर्ट तो कोरोना पॉजिटिव आई है। लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि पिछले दो दिनों में सिर्फ मुंबई में बिना लक्षण वाले 1,500 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। यदि यही लोग मुंबई की सड़कों पर 15 दिन घूम लें तो कोरोना रोगियों की संख्या दस गुना बढ़ा सकते हैं। उनके अनुसार बिना लक्षणों वाली पवई की एक संक्रमित महिला पिछले दिनों नासिक गई थी और वहां दो दिन रहने के बाद वापस लौटी। जबकि बिना लक्षण वाले इस प्रकार के हाई रिस्क रोगियों को घर में ही रहना चाहिए। यदि ऐसे लोग सरकार की अपील पर अपने घरों में नहीं रहेंगे, तो हमें उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में रखने पर बाध्य होना पड़ेगा, वह भी उन्हीं के खर्चे पर। 

रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दे चुके हैं। आज स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने भी कहा कि हमारे लिए दूसरा लॉकडाउन असहनीय होगा। इससे बचना लोगों के ही हाथ में है। जिस प्रकार का सहयोग राज्य के लोगों ने लॉकडाउन के दौरान दिया। उसी प्रकार कुछ दिन और संयम से रहना जरूरी है, अन्यथा सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।