Move to Jagran APP

Loan App Scam: लोन एप धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने लगाया MCOCA, साइबर अपराधियों को सख्त संदेश

लोन एप धोखाधड़ी मामले में पूर्व में गिरफ्तार नौ लोगों के विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) लगाया गया है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि पहली बार साइबर अपराध के मामले में मकोका लगाया गया है क्योंकि धन वसूली इसका एक मुख्य पहलू था।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 08 Oct 2022 04:30 AM (IST)
Hero Image
लोन एप धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने लगाया मकोका
पुणे, प्रेट्र: लोन एप धोखाधड़ी मामले में पूर्व में गिरफ्तार नौ लोगों के विरुद्ध महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) लगाया गया है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि पहली बार साइबर अपराध के मामले में मकोका लगाया गया है क्योंकि धन वसूली इसका एक मुख्य पहलू था।

छापेमारी के दौरान समाने आई लोन एप धोखाधड़ी

लोन एप धोखाधड़ी उस समय उजागर हुई थी जब कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक काल सेंटर पर छापेमारी की गई थी। इसके बाद 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और एक लाख से अधिक लोगों की निजी जानकारियों से संबंधित डाटा जब्त किया गया था।

गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए गए आरोपी

पुलिस अधिकारी ने बताया, 'गिरफ्तार किए गए एक आरोपित धीरज पुणेकर और उसके आठ सहयोगियों को पिछले 10 साल से धन वसूली, लोन एप्स के जरिये धोखाधड़ी, धमकाने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया गया। विस्तृत अध्ययन के बाद हमें उच्चाधिकारियों ने नौ लोगों के विरुद्ध मकोका के प्रविधान लगाने की मंजूरी प्रदान कर दी।' पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस कदम से साइबर अपराधियों को सख्त संदेश मिलेगा।

चीनी नागरिकों के खिलाफ लुक आउट नोटिस

मुंबई साइबर सेल ने चीन के दो नागरिकों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया। संदेह जताया जा रहा है कि दोनों लोगों ने भारत में लोन एप के जरिए घोटाला किया है। पिछले दो महीनों से मुंबई साइबर सेल इस मामले की जांच- पड़ताल कर रहे हैं। जांच में पता चला कि लियू यी की निगरानी में भारत में यह पूरा कारोबार साल 2018 में शुरू किया गया। बता दें कि लियू यी मनी लान्ड्रिंग फरार हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच किए जा रहे लोन एप घोटाले के मामले में हाल ही में भुवनेश्वर पुलिस ने भी उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। अधिकारियों का मानना ​​है कि यह पूरा घोटाला हजारों करोड़ का है और 2019 से अब तक लाखों भारतीयों को ठगा गया है।