'संसद में सांसद के तौर पर एंट्री नहीं', निष्कासन पर महुआ मोइत्रा को राहत नहीं, SC में 11 मार्च को अगली सुनवाई
लोकसभा सदस्यता छीन जाने के खिलाफ टीएमसी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने लोकसभा महासचिव से इस मामले पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब अगली सुनवाई 11 मार्च को करने वाली है। 11 दिसंबर को टीएमसी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
एएनआई, नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में लोकसभा सदस्यता छीन जाने के खिलाफ टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ठकठकाया था।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा महासचिव से इस मामले पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब अगली सुनवाई 11 मार्च को करने वाली है। हालांकि, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि वो फिलहाल लोकसभा कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकती हैं।
एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद गई थी महुआ की संसद सदस्यता
पिछले महीने 11 दिसंबर को टीएमसी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
समझें पूरा मामला
टीएमसी नेता पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाए गए। इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी।
महुआ मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसदीय वेबसाइट पर एक सीक्रेट खाते में लॉग-इन करने के लिए हीरानंदानी को अपनी आईडी और पासवर्ड दे दिया था, ताकि वह सीधे प्रश्न पोस्ट कर सकें। महुआ मोइत्रा ने इस बात को कबूल किया उन्होंने अपनी लोकसभा की लॉग-इन आईडी हीरानंदानी के लोगों को दी थी, लेकिन उन्होंने हीरानंदानी से कोई गिफ्ट नहीं लिए थे।