Malali Mosque Row: मलाली मस्जिद विवाद पर अदालत ने कहा, सर्वे की मांग वाला केस सुनवाई के योग्य
तीसरे अतिरिक्त सिविल कोर्ट के समक्ष मंगलुरु के टी.ए. धनंजय और बी.ए. मनोज कुमार द्वारा मूल मुकदमा दायर किया गया था। यह तर्क दिया गया था कि मस्जिद के अंदर एक मंदिर जैसी संरचना के अवशेष पाए गए थे। (फाइल फोटो)
By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Wed, 09 Nov 2022 02:37 PM (IST)
मेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक के मेंगलुरु जिले की एक अदालत ने बुधवार को मलाली मस्जिद विवाद (Malali Mosque Dispute) मामले पर सुनवाई की। अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया कि मलाली मस्जिद का सर्वेक्षण का केस यह सुनिश्चित करने योग्य है कि यह एक हिंदू मंदिर पर बनाया गया था या नहीं। इसलिए अदालत जनवरी 2023 से मुकदमे की सुनवाई करेगी।
तीसरे अतिरिक्त सिविल कोर्ट के समक्ष मंगलुरु के टी.ए. धनंजय और बी.ए. मनोज कुमार द्वारा मूल मुकदमा दायर किया गया था। यह तर्क दिया गया था कि मस्जिद के अंदर एक मंदिर जैसी संरचना के अवशेष पाए गए थे। जब इस साल अप्रैल में मंगलुरु के मलाली में असैद अब्दुल्लाही मदनी मस्जिद के नवीनीकरण का काम चल रहा था।
यूपी के ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर सर्वे की मांग
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का सर्वे कराने की मांग को लेकर कुछ हिंदू संगठनों ने याचिका दायर की थी। मस्जिद के नवीनीकरण के समय परिसर में हिंदू मंदिर की संरचना सामने आईं थी। इसे चुनौती देते हुए मस्जिद के प्रबंधन और मुस्लिम संगठनों ने तर्क दिया था कि इस मामले को देखने का अधिकार अदालत के पास नहीं है।इससे पहले, कर्नाटक की एक स्थानीय अदालत ने दक्षिण कन्नड़ जिले में मलाली मस्जिद विवाद के संबंध में आदेश 9 नवंबर के लिए सुरक्षित रखा था। मंगलुरु में तीसरे अतिरिक्त सिविल कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखने के बाद निर्देश दिया कि मस्जिद के परिसर में यथास्थिति बनाए रखी जाए।
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