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कच्चाथीवू द्वीप मुद्दे पर गरमाई सियासत, PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना तो खरगे बोले- ये उनकी हताशा

Katchatheevu Island Issue कच्चाथीवू द्वीप को लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है। पीएम मोदी और अमित शाह के बयान के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने 10 साल के शासन के दौरान द्वीप को वापस लाने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए।

By Agency Edited By: Mohd Faisal Updated: Sun, 31 Mar 2024 04:04 PM (IST)
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कच्चाथीवू द्वीप मुद्दे पर गरमाई सियासत, PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना तो खरगे ने उठाए सवाल (फाइल फोटो)
एएनआई, नई दिल्ली। Katchatheevu Island Issue: कच्चाथीवू द्वीप को लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है। पीएम मोदी और अमित शाह के बयान के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कच्चाथीवू द्वीप मुद्दा उठाना पीएम मोदी की हताशा को दर्शाता है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम पर साधा निशाना

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने 10 साल के शासन के दौरान द्वीप को वापस लाने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले संवेदनशील मुद्दा उठाना उनकी हताशा को दर्शाता है।

सैनिकों की शहादत को लेकर पीएम मोदी से पूछा सवाल

साथ ही खरगे ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों की शहादत को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल किया। उन्होंने कहा कि 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट क्यों दी। उन्होंने कहा कि साल 1974 में एक मैत्रीपूर्ण समझौते के तहत कच्चाथीवू द्वीर को श्रीलंका को दिया गया था। उन्होंने मोदी सरकार को याद दिलाया कि उन्होंने भी बांग्लादेश के लिए सीमा क्षेत्रों के आदान-प्रदान पर ऐसा ही दोस्ताना रवैया अपनाया था।

खरगे ने एक्स पर किया पोस्ट

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप अपने 10वें साल के कुशासन में अचानक क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के प्रति जाग गए हैं। शायद चुनाव ही इसका कारण है। आपकी हताशा स्पष्ट है। प्रधानमंत्री ने 2015 में कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता सिर्फ भूमि के पुनर्निर्धारण के बारे में नहीं है, यह दिलों के मिलन के बारे में है।'

'बांग्लादेश की तरह श्रीलंका के साथ हुआ मैत्रीपूर्ण समझौता'

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आपकी सरकार के तहत मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश में स्थानांतरित कर दिए गए और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए। खरगे ने कहा कि 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव से आधारित इसी तरह का एक समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ शुरू किया गया था।

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