New Parliament: खरगे ने सभी सांसदों को दी नसीहत, कहा- संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण के लिए रहें प्रतिबद्ध
New Parliament आज सभी सांसद पुराने संसद से नये संसद में जा रहे हैं। अबसे सारी बैठकें नई संसद में की जाएगी।इस मौके पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सांसदों के सामूहिक प्रयासों ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।खरगे ने कहाहमें संवैधानिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 19 Sep 2023 01:29 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। आज से नए संसद में बैठकें होंगी। सभी सांसद नए संसद में आज से बैठेंगे। नए संसद में जाने से पहले पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम रखा गया था। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मंगलवार को समारोह के लिए पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में एकत्र हुए।
पुराने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि सांसदों को संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। खरगे ने यह भी कहा कि सांसदों के सामूहिक प्रयासों ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, "संस्था की सफलता संवैधानिक मूल्यों और आदर्शों को कायम रखने में निहित है। यह विचार कि संस्थाएं पवित्र हैं और सफलता के लिए आवश्यक हैं। यह शासन और विकास में एक बुनियादी सिद्धांत है।"
'संसदीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए रहें प्रतिबद्ध'
खरगे ने कहा, "जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, हमें संवैधानिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए... अपने राजनीतिक दलों को भूलकर, हमें राष्ट्र के निर्माण, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक होना चाहिए। यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए।"
कांग्रेस नेता ने सभी लोगों के योगदान को किया याद
कांग्रेस नेता ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के योगदान को भी याद किया।खरगे ने जीवी मावलंकर और एस राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की और संविधान सभा, अस्थायी संसद और उसके बाद की सभी लोकसभा के सदस्यों के सामूहिक योगदान को याद किया।