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'ममता सरकार ने किया दो लाख करोड़ का घोटाला', अनूठे तरीके से हुई जनता के पैसे की लूट; भाजपा का बंगाल CM पर बड़ा आरोप

Bengal News भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आइएनडीआइए के सभी घटक दलों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार रहते जो टू जी घोटाले हुआ उसकी राशि तो एक लाख 76 हजार करोड़ के आसपास थी जबकि पश्चिम बंगाल जैसे एक प्रदेश से ही दो लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला हो गया।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 31 Jan 2024 06:35 PM (IST)
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भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने दो लाख करोड़ का घोटाला किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए भाजपा ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि ममता सरकार ने वर्ष 2018 से 2021 के बीच सरकारी परियोजनाओं पर जो पैसा खर्च हुआ बताया है, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है। नए खाते खोलकर भी जनता का पैसा लूटने का प्रयास हुआ है। इस तरह कैग की रिपोर्ट में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं।

करोड़ रुपये खर्च हो गए, लेकिन हिसाब नहीं

भाजपा मुख्यालय में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में सुकांत मजूमदार ने कहा कि सीएजी ने पश्चिम बंगाल की वर्ष 2021 की रिपोर्ट संसद में पेश की है। इसमें दो लाख करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता और संभावित घोटाले पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी पैसे से होने वाले काम का नियम है कि कोई भी प्रोजेक्ट पूरा होने के एक साल के अंदर यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट यानी उपयोगिता प्रमाण पत्र देना होता है। ऐसे दो लाख 40 हजार प्रमाण पत्र टीएमसी सरकार ने नहीं दिए हैं। इस तरह 1.95 लाख करोड़ रुपये खर्च हो गए, लेकिन हिसाब नहीं है।

कोषागार से एडवांस में पैसा लेकर काम

दावा किया कि यह मामले ग्रामीण विकास, शहरी विकास और स्कूली शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। इनमें से दो विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के आरोप टीएमसी सरकार पर लगे हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री अभी जेल में हैं। इसी कारण से मनरेगा का पैसा केंद्र सरकार को रोकना पड़ा है। मजूमदार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल का वित्तीय नियम कहता है कि कांटिजेंसी फंड में कोषागार से एडवांस में पैसा लेकर काम करें, लेकिन एक माह के अंदर बिल देना होता है। आश्चर्य है कि जो ममता बनर्जी वेतन का एक भी पैसा नहीं लेने का दावा करती हैं, उन्होंने 2018 से 2021 तक एक भी बिल जमा नहीं किया, जबकि 3400 करोड़ रुपये इमरजेंसी फंड से लिए गए।

जनता का पैसा लूटने की कोशिश

यह पैसा कहां गया, किसी को पता नहीं है। इसमें भी इमरजेंसी फंड का 1169 करोड़ रुपये गृह मंत्रालय से खर्च हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद गृह मंत्री हैं। इसके साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इस पैसे का उपयोग करने के लिए अनूठे किस्म का खाता बनाया गया है। उनको नाम दिया पर्सनल लेजर और पर्सनल अकाउंट्स। ऐसे 160 खाते बनाए गए, जिनमें 3465 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। यह जनता का पैसा लूटने की कोशिश है।

भाजपा ने घोटाले का रोहिंग्या और दंगे से जोड़ा कनेक्शन

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आइएनडीआइए के सभी घटक दलों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार रहते जो टू जी घोटाले हुआ, उसकी राशि तो एक लाख 76 हजार करोड़ के आसपास थी, जबकि पश्चिम बंगाल जैसे एक प्रदेश से ही दो लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला हो गया। उन्होंने प्रश्न उठाया- यह पैसा रोहिंग्या को दिया, अपने परिवार को दिया या दंगे फैलाने के लिए दिए हैं?

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