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Mangalyaan Mission: ईंधन और बैटरी खत्म होने से मंगलयान मिशन हुआ समाप्त, इसरो ने की पुष्टि

Mangalyaan Mission End इसरो के अनुसार मार्स आर्बिटर यान का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के चलते अब पूरा मिशन खत्म हो गया है। इस यान को अब रिकवर भी नहीं किया जा सकता है। इसरो के अनुसार इसकी मुख्य वजह ईंधन और बैटरी खत्म होना रहा।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 03 Oct 2022 11:33 PM (IST)
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मंगलयान मिशन खत्म होने की इसरो ने की पुष्टि।

बेंगलुरू, एजेंसी। Mangalyaan Mission भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को इस चीज की पुष्टि कर दी है कि मंगलयान मिशन (मार्स आर्बिटर मिशन) अब खत्म हो गया है। इसरो के अनुसार मार्स आर्बिटर यान का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया है और इसको अब रिकवर भी नहीं किया जा सकता है। इसरो के अनुसार इसकी मुख्य वजह ईंधन और बैटरी खत्म होना रहा। बता दें कि भारत ने मंगलयान को अपने पहले ही प्रयास में केवल 450 करोड़ में लांच कर इतिहास रचा था।

6 महीने की जगह 8 साल तक किया काम

इसरो के मंगलयान ने मंगल ग्रह की कक्षा में अपने आठ साल पूरे किए हैं। बता दें कि मंगलयान को केवल 6 महीने के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन ये आठ साल तक काम करता रहा। इसरो के अनुसार मंगलयान ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी इस दौरान उपलब्ध कराई थी।

2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा

मंगलयान मिशन को पांच नवंबर 2013 को पीएसएलवी-सी25 से लांच किया गया था। 300 दिनों की अंतरग्रहीय यात्रा पूरी करने के बाद इसे 24 सितंबर, 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में डाला गया था। 24 सितंबर 2014 को यह सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा।

लंबे ग्रहण के चलते टूटा संपर्क

अप्रैल 2022 में मार्स पर लगे एक लंबे ग्रहण के परिणामस्वरूप मंगलयान का ग्राउंड स्टेशन के साथ संपर्क टूटने की बात सामने आई है। इसरो ने कहा कि मिशन को ग्रहों की खोज के इतिहास में एक उल्लेखनीय तकनीकी और वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में माना जाएगा। इन आठ वर्षों के दौरान, पांच वैज्ञानिक पेलोड से लैस मिशन ने मंगल ग्रह की सतह की विशेषताओं, आकृति विज्ञान, साथ ही साथ मंगल ग्रह के वातावरण और एक्सोस्फीयर पर महत्वपूर्ण वैज्ञानिक समझ का उपहार दिया है।

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