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'PM मोदी के हस्तक्षेप से ही मणिपुर में होगी शांति बहाल', 10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से किया शांति वार्ता करने का आग्रह

मणिपुर में बढ़ती हिंसा को देखते हुए 10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से युद्धरत समुदायों के बीच शांति वार्ता शुरू करने का आग्रह किया है। प्रतिनिधिमंडल में AAP AIFB AITC CPI CPI(M) JD(U) NCP RSP और SS(UBT) के प्रतिनिधि शामिल थे। उइके ने राजनीतिक नेताओं को राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए दोनों समुदायों के साथ बातचीत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 18 Nov 2023 02:06 PM (IST)
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10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से किया शांति वार्ता करने का आग्रह (Image: ANI)

पीटीआइ, इंफाल। Manipur Crisis: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच 10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से युद्धरत समुदायों के बीच शांति वार्ता शुरू करने का आग्रह किया है।

राजभवन द्वारा जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह के नेतृत्व में टीम ने शुक्रवार (17 नवंबर) शाम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि केंद्र, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना राज्य में शांति बहाल नहीं की जा सकती।

दोनों समुदायों के साथ शांति वार्ता तत्काल शुरू करने की मांग

बयान में कहा गया है कि उन्होंने 'दोनों समुदायों के साथ शांति वार्ता तत्काल शुरू करने की मांग की ताकि चल रहे संघर्ष का एक स्थायी समाधान प्राप्त किया जा सके'। मणिपुर में कुकी-जो जनजातियों के अग्रणी संगठन आईटीएलएफ ने बुधवार को उन क्षेत्रों में 'स्व-शासित अलग प्रशासन' स्थापित करने की धमकी दी थी,जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री से संपर्क करने का आग्रह

राज्य सरकार ने कुकी-जो समुदाय के सदस्यों के प्रभुत्व वाले जिलों में 'स्वशासित अलग प्रशासन' के स्वदेशी जनजातीय नेता मंच के आह्वान की कड़ी निंदा की है और इसे अवैध बताया है। प्रतिनिधिमंडल ने उइके से विरोधी समुदायों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करने का आग्रह किया है। इसके अलावा राज्यपाल से संघर्ष का समाधान खोजने के लिए प्रधानमंत्री के साथ मणिपुर में सभी राजनीतिक दलों की बैठक की सुविधा प्रदान करने की अपील की है।

प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल 

प्रतिनिधिमंडल में AAP, AIFB, AITC, CPI, CPI(M), JD(U), NCP, RSP और SS(UBT) के प्रतिनिधि शामिल थे। उइके ने राजनीतिक नेताओं को राज्य में शांति और सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए दोनों समुदायों के साथ बातचीत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। राजभवन के बयान में कहा गया है, 'बातचीत प्रक्रिया शुरू करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा और वह राज्य के सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करेंगी।'

उइके ने नेताओं से यह भी कहा कि उन्होंने अशांति के बारे में रिपोर्ट सौंप दी है और वह केंद्रीय नेताओं के संपर्क में हैं। मई में पहली बार जातीय संघर्ष भड़कने के बाद से मणिपुर बार-बार होने वाली हिंसा की चपेट में है। तब से अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

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