Manipur Violence: हिंसा की आग में जल रहा है मणिपुर, यात्रियों के लिए इंफाल एयरपोर्ट बना रिफ्यूजी कैंप!
इंफाल हवाईअड्डे पर दिल दहलाने वाले दृश्य देखे जा रहे हैं। एयरपोर्ट यात्रियों से खचाखच भरा हुआ है यात्रियों में से कई बीमार हैं तो कई यात्री विलाप कर रहे हैं पिछले सप्ताह से शुरू मणिपुर हिंसा से बचने के लिए लोग एयरपोर्ट पर कतारों में खड़े दिख रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। हिंसा ग्रस्त मणिपुर से किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश में जुटे लोगों की भारी भीड़ इंफाल हवाईअड्डे पर देखी जा सकती है जिनमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं जिनमें से कई बीमार भी हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि आईसीयू से ठीक बाहर आए ऐसे मरीज जिन्हें कैथेटर लगा है, माताओं के साथ नवजात और समय से पहले जन्मे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बिस्तर पर पड़े कैंसर के मरीज के साथ ही बड़ी संख्या में लोग प्रदेश से बाहर जाने के लिये पिछले कुछ दिनों में हवाईअड्डे पर पहुंचे हैं। इन सबमें जो एक बात समान नजर आती है वह है हालात को लेकर चिंता।
गोली लगने से घायल हुए कुछ यात्री भी हवाईअड्डे पर देखे गए
गोली लगने से घायल हुए कुछ यात्री भी हवाईअड्डे पर देखे गए हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक अधिकारी ने इंफाल से फोन पर ‘न्यूज एजेंसी पीटीआई’ को बताया, 'अगर आप इंफाल हवाईअड्डे का दृश्य देखेंगे तो आपका रोने का मन करेगा।'
हवाई अड्डा परिसर में करीब 2000 यात्री फंसे हैं जबकि इसकी इमारत एक वक्त में 750 यात्रियों- 250 आगमन के लिये और 500 प्रस्थान के लिए- को ही संभाल सकती है।
यात्रियों को ले जाने के लिए अतिरिक्त उड़ानें भरी जा रही है
एयरलाइन कंपनियों ने यात्रियों को ले जाने के लिए अतिरिक्त उड़ानें भरी हैं, उनकी कतार धीरे-धीरे लंबी होती जा रही है। मणिपुर में कुछ दिन पहले हिंसा भड़क गई थी और सेना के जवानों को तैनात करना पड़ा था।
हवाईअड्डे के डॉक्टर, एएआई के कर्मचारी और विभिन्न एयरलाइनों के कर्मचारी संकटग्रस्त लोगों को सांत्वना देने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। एएआई सभी फंसे हुए लोगों को खाना और पानी मुहैया करा रहा है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हवाईअड्डा अब न्यूनतम संसाधनों के साथ चल रहा है। बाहर सभी दुकानें बंद हैं, इंफाल में एएआई के अधिकारियों ने कर्मचारियों और यात्रियों दोनों के लिए भोजन, पानी, आवश्यक दवाएं और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति प्राप्त करने के लिए गुवाहाटी, अगरतला और डिब्रूगढ़ जैसे नजदीकी हवाई अड्डों को आपात संदेश भेजे थे।
हवाई अड्डे पर एक विशेष टिकट काउंटर खोला गया
अधिकारी ने पहचान जाहिर करने से इनकार करते हुए बताया कि हवाई अड्डे पर एक विशेष टिकट काउंटर खोला गया है। राज्य में पिछले हफ्ते से इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और काउंटर पर कामकाज के लिये ‘लोकल एरिया नेटवर्क’ (एलएएन) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक कर्मचारी ने कहा कि हिंसा भड़कने के बाद से उनके सहयोगी और अधिकारी हवाई अड्डे के परिसर में रुके हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि मुट्ठी भर एएआई कर्मचारियों को पर्याप्त आराम भी नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि इंफाल हवाई अड्डे पर एक दिन में 14 उड़ान उतरती हैं और यहां से 14 ही उड़ानें जाती हैं लेकिन यह संख्या बढ़ गई है। सोमवार को हवाई अड्डे ने 80 उड़ानों का संचालन किया जिनमें से 40 उड़ानें यहां उतरीं और उतनी ही संख्या में विमानों ने यहां से उड़ान भरी।
पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ हुआ समन्वय
एएआई के पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (आरईडी) एस जुगानी ने कहा, 'एएआई ने हवाई अड्डे से बाहर जाने वाले लोगों को पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय किया है।'
आरईडी ने कहा, 'हमारे सभी कर्मचारी तीन शिफ्टों में चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। चार मई से छह मई के बीच इंफाल के लिए और वहां से संचालित कुल उड़ानों (अनुसूचित और अतिरिक्त) की संख्या 216 थी।'