Manipur Violence: भीड़ ने सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 2 बसों में लगाई आग, कोई हताहत नहीं
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। दोनों समुदायों के बीच अभी भी हिंसा जारी है। वहीं मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने कर्मियों को ले जाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो बसों में आग लगा दी। यह घटना सपोरमीना में उस समय घटी जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 26 Jul 2023 10:28 AM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच लगातार हिंसा बढ़ रही है। वहीं, अब मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने कर्मियों को ले जाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो बसों में आग लगा दी। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।
यह घटना सपोरमीना में उस समय घटी जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं।अधिकारियों ने कहा कि युद्धरत समुदायों में से एक समुदाय के लोगों के एक समूह ने मणिपुर पंजीकरण संख्या वाली बसों को सपोरमीना में रोक दिया और जोर देकर कहा कि वे जांच करेंगे कि दूसरे समुदाय का कोई सदस्य उसमें था या नहीं।
उनमें से कुछ ने बसों में आग लगा दी।लगभग तीन महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी।मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।