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Manipur Video: जिस महिला की निकाली गई थी नग्न परेड, उसके पति थे कारगिल युद्ध के योद्धा; अब कही ये बात

Manipur Woman Paraded Video मणिपुर में जिन दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाया गया उनमें से एक के पति कारगिल युद्ध के योद्धा हैं। कारगिल में लड़ाई लड़ने वाले सैनिक ने आज घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि उसने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सके। उन्होंने सरकार से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Fri, 21 Jul 2023 07:12 PM (IST)
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Manipur Woman Paraded Video मणिपुर की घटना से सब दुखी।

इंफाल, एजेंसी। Manipur Video मणिपुर में जिन दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाया गया और उनके साथ छेड़छाड़ की गई, उनमें से एक के पति कारगिल युद्ध के योद्धा हैं। कारगिल में लड़ाई लड़ने वाले सैनिक ने आज घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि उसने देश की रक्षा की, लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा सका।

घटना से देशभर के लोगों में गुस्सा

4 मई को घटित इस घटना का बीते बुधवार वीडियो सामने आने के बाद देशभर के लोगों में गुस्से की आग है। हर कोई इसकी निंदा कर रहा है, चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष।

असम रेजिमेंट के सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा करने वाले सैनिक ने आगे कहा,

मैंने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ी और भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में भी था। मैं निराश हूं कि अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, अपने घर, अपनी पत्नी और साथी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका। मैं दुखी और उदास हूं।

पुलिस मौजूद थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की

सैनिक ने आगे कहा, "पुलिस मौजूद थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। मैं चाहता हूं कि उन सभी लोगों को कड़ी सजा मिले, जिन्होंने घर जलाए और महिलाओं को अपमानित किया।"

पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार 

बता दें कि वीडियो सामने आने के एक दिन बाद गुरुवार को मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मणिपुर पुलिस ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि राज्य पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके लिए छापेमारी जारी है।

160 से अधिक लोगों की मौत

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं। हिंसा की आग उस समय भड़की जब कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल होने की मांग का हिंसक रूप से विरोध किया। कुकी समुदाय ने 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला, जिसका विरोध करते हुए मैतेई समुदाय की ओर से घरों में आग तक लगा दी गई।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।