'Manipur हिंसा पर जमीनी हकीकत देखें बिना न दें रिपोर्ट'- एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों से CM बीरेन सिंह ने कहा
मणिपुर में हिंसा के बीच सीएम एन बीरेन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान सीएम बीरेन ने कहा एडिटर्स गिल्ड के कुछ सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि जमीनी हकीकत पर जाकर स्थिति को देखें और समझें। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इम्फाल, एजेंसी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन सभी पर राज्य में और अधिक झड़प पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, जहां पिछले चार महीनों से जातीय संघर्ष के कारण स्थिति बेहद खराब है।
एडिटर्स गिल्ड ने हाल ही में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया की रिपोर्टें एकतरफा थीं। उन्होंने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप भी लगाया था। सीएम बीरेन ने कहा, "राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के उन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो मणिपुर राज्य में और अधिक झड़प पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को दी चेतावनी
सीएम एन बीरेन सिंह ने एडिटर्स गिल्ड (Editors Guild) के सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा, "मैं एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को भी चेतावनी देता हूं, अगर आप कुछ करना चाह रहे हैं, तो मौके पर जाएं, जमीनी हकीकत देखें, सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलें और फिर जो मिलें, सिर्फ उसे प्रकाशित करें।"
#WATCH | Manipur CM N Biren Singh says, "...I also give a warning to the members of the Editors Guild, if you want to do something, then do visit the spot, see the ground reality, meet the representatives of all communities and then publish what you found. Otherwise, meeting some… pic.twitter.com/hqy5lfwzCE
उन्होंने कहा, "केवल कुछ वर्गों से मिलकर और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना, उसे सबके सामने रखना बेहद निंदनीय है। राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जो मणिपुर राज्य में और अधिक झड़प पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
गौरतलब है कि जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य - सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर का नाम शामिल है। दरअसल, गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा की मीडिया रिपोर्टों का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने राज्य का दौरा किया था।
160 से अधिक लोगों की मौत
3 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग अब तक घायल हो चुके हैं। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद से यह हिंसा भड़की है।
गौरतलब है कि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।