Manipur Violence: मणिपुर में पटरी पर लौट रही जिंदगी, कर्फ्यू में दी गई ढील; चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात
सुरक्षा बल राज्य के संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में तलाशी अभियान चल रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार को देखते हुए इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ा दी है। अब दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील की अवधि सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक है।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 03 Aug 2023 06:00 AM (IST)
इंफाल, पीटीआई। मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में बुधवार तड़के अज्ञात लोगों ने एक विशेष समुदाय के दो खाली घरों में आग लगा दी। एक अधिकारी ने बताया कि लंगोल इलाके में हुई घटना में दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
मई में शुरू हुई थी हिंसा
उन्होंने बताया कि इंफाल वेस्ट क्षेत्र मैतेयी बाहुल्य जिला है जहां से अधिकतर निवासी मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद अपने घर छोड़कर चले गए हैं। अधिकारी बताया कि सेना के जवान खाली पड़े इन घरों की सुरक्षा कर रहे थे।
राज्य में स्थिति नियंत्रण
अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने तब घरों में आग लगाई जब सेना के जवान जा रहे थे और उनकी जगह सुरक्षा का प्रभार संभालने के लिए सीआरपीएफ जवान आ रहे थे। मणिपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, राज्य में स्थिति अब भी अस्थिर और तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।सुरक्षा बल राज्य के संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में तलाशी अभियान चल रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार को देखते हुए इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ा दी है। अब दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील की अवधि सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक है।
कानून-व्यवस्था में सुधार
जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार, कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आम जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थ सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए प्रतिबंध में ढील देने की आवश्यकता है। राज्य के अन्य जिलों थाउबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में कर्फ्यू में छूट की अवधि सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक ही रहेगी।आज दफनाए जाएंगे कुकी समुदाय के शव
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को मारे गए कुकियों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बनाई है। आदिवासी नेताओं ने बुधवार को कहा कि 35 कुकी-जो के शव को गुरुवार को चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड, तुईबुओंग (लाम्का) में दफनाया जाएगा।
स्वदेशी जनजातीय नेताओं ने कहा कि लाम्का मुर्दाघर में लगभग 30-35 शव हैं और अगर राज्य सरकार हमें इंफाल से और शव भेजती है, तो उन्हें भी दफनाया जाएगा। हम मारे गए लोगों को अपनी सर्वोच्च श्रद्धांजलि देंगे।