Manipur Violence: हैवानियत की शिकार महिला की याचिका पर SC ने मणिपुर सरकार से मांगा जवाब, पुलिस पर बड़ा आरोप
वकील अमृता सरकार के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि भीड़ में शामिल महिलाओं ने पीड़ितों के एक वर्ष के बच्चे को भी मारा। हमले के कारण उसके हाथों में फ्रैक्चर हो गया और सिर पर गंभीर चोटें आईं। याचिका के मुताबिक भीड़ ने याचिकाकर्ता संख्या-2 के कपड़े फाड़ दिए और उसे इंफाल में उपायुक्त भवन तक परेड करने के लिए मजबूर किया गया।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 19 Aug 2023 05:30 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी: सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ की हैवानियत की शिकार एक महिला की याचिका पर मणिपुर सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में महिला ने दावा किया है कि राज्य में जातीय हिंसा के दौरान भीड़ ने उसके कपड़े फाड़ दिए और उसका जुलूस निकाला, लेकिन पुलिस उसकी मदद के लिए नहीं आई।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया और मामले को मुख्य मामले के साथ 13 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। वकील अमृता सरकार के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि भीड़ में शामिल महिलाओं ने पीड़ितों के एक वर्ष के बच्चे को भी मारा।
हमले के कारण उसके हाथों में फ्रैक्चर हो गया और सिर पर गंभीर चोटें आईं। याचिका के मुताबिक, भीड़ ने याचिकाकर्ता संख्या-2 के कपड़े फाड़ दिए और उसे इंफाल में उपायुक्त भवन तक परेड करने के लिए मजबूर किया गया। वहां पुलिस खड़ी थी, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया।
याचिका में एक अन्य मामले में राज्य पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया गया है। इस मामले में एक महिला सहित दो लोगों को मैतेयी समुदाय की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। उक्त घटना के संबंध में याचिकाकर्ता नंबर-1 के पिता ने 20 मई, 2023 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
लेकिन आज तक प्रतिवादी (मणिपुर राज्य) द्वारा ऐसे कट्टरपंथी मैतेयी समूहों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता कुकी समुदाय से हैं। उन्हें क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी आंखों के सामने मार दिया गया। बड़ी कठिनाई से जान बचाकर दोनों दिल्ली पहुंचे जहां उनका इलाज चल रहा है।