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Manipur Violence: 'मणिपुर से फोर्स हटा लीजिए', भाजपा विधायक ने अमित शाह से केंद्रीय बलों को हटाने की क्यों की मांग?

Manipur Violence मणिपुर में जारी हिंसा और शांति के लिए चल रहे प्रयासों के बीच राज्य के भाजपा विधायक ने गृह मंत्री अमित शाह से बड़ी मांग की है। विधायक राजकुमार इमो सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि राज्य से केंद्रीय बल हटा लिए जाएं। साथ ही उन्होंने मांग की है कि राज्य के सुरक्षा कर्मियों को कार्यभार संभालने की अनुमति दी जाए।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 02 Sep 2024 04:27 PM (IST)
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भाजपा विधायक ने कहा कि मणिपुर में 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी के कारण शांति नहीं हुई है। (File Image)
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य से केंद्रीय बलों को हटाने और राज्य के सुरक्षा कर्मियों को कार्यभार संभालने की अनुमति देने का अनुरोध किया। राजकुमार इमो गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी के कारण शांति नहीं हुई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने पत्र में लिखा, 'मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी से शांति नहीं मिल रही है, इसलिए ऐसी ताकतों को हटाना बेहतर है, जो ज्यादातर मूकदर्शक के रूप में मौजूद हैं।' उन्होंने राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग की कमी के कारण असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को वापस लेने की हालिया कार्रवाई को स्वीकार किया।

कमांड अथॉरिटी को स्थानांतरित करने की मांग

उन्होंने कहा, 'हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से प्रसन्न हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे। केंद्रीय बलों की उपस्थिति हिंसा को नहीं रोक सकती है तो उन्हें हटाना और राज्य बलों को कार्यभार संभालने और शांति लाने की अनुमति देना बेहतर है।'

राजकुमार इमो सिंह ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र सरकार, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यूनिफाइड कमांड अथॉरिटी को राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दे। उन्होंने हिंसा को रोकने में वर्तमान व्यवस्था को अप्रभावी बताते हुए इसकी आलोचना की और तर्क दिया कि इस समय एकीकृत कमान को निर्वाचित सरकार को हस्तांतरित करना महत्वपूर्ण है।

सीआरपीएफ के पूर्व डीजी को सौंपा गया था जिम्मा

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को एकीकृत कमान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार को सौंपनी होगी और उसे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।' गौरतलब है कि पिछले साल राज्य में हिंसा फैलने के बाद गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था।

राजकुमार ने केंद्र सरकार से उन उग्रवादी और विद्रोही समूहों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का भी आह्वान किया, जिन्होंने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) समझौते के जमीनी नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने गृह मंत्री से इन समूहों के साथ एसओओ समझौतों को रद्द करने का आग्रह किया, जिनके बारे में उनका दावा है कि इससे और हिंसा भड़क रही है।