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मणिपुर में छुट्टी पर गए भारतीय सेना के जवान की हत्या, बदमाशों ने अपहरण के बाद दिया वारदात को अंजाम

भारतीय सेना के एक जवान सिपाही सर्टो थांगथांग कोम का 3 अज्ञात बदमाशों ने अपहरण किया था जिन्होंने बाद में उनकी हत्या कर दी। सर्टो थांगथांग कोम की उम्र 41 वर्ष थी। यह घटना उनके साथ उस दौरान घटी जब वे इंफाल पश्चिम के तरुंग स्थित अपने घर छुट्टी पर थे। कोम को डीएससी प्लाटून लीमाखोंग मणिपुर में तैनात किया गया था।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 17 Sep 2023 10:48 PM (IST)
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मणिपुर में भारतीय सेना के एक जवान की अपहरण के बाद निर्मम हत्या कर दी गई-

नई दिल्ली, एएनआई/पीटीआई। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं, एक ताजा मामला सामने आया है। पीआरओ, कोहिमा और इंफाल के रक्षा मंत्रालय ने 17 सितंबर (रविवार) को एक दुखद जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना के एक सिपाही सर्टो थांगथांग कोम का 3 अज्ञात बदमाशों ने अपहरण किया था, जिन्होंने बाद में उनकी हत्या कर दी गई।

छुट्टी पर थे थांगथांग कोम

मंत्रालय ने बताया कि सर्टो थांगथांग कोम की उम्र 41 वर्ष थी। यह घटना उनके साथ उस दौरान घटी जब वे इंफाल पश्चिम के तरुंग स्थित अपने घर छुट्टी पर थे। मंत्रालय ने कहा कि थांगथांग कोम को डीएससी प्लाटून, लीमाखोंग, मणिपुर में तैनात किया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 2 बच्चे हैं।

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अधिकारियों के मुताबिक, अज्ञात हथियारबंद लोगों ने शनिवार सुबह लगभग 10 बजे छुट्टी पर घर आए सिपाही सर्टो थांगथांग का अपहरण कर लिया। उनके 10 वर्षीय बेटे का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया,

वह और सर्टो थांगथांग घर पर मौजूद थे। उसी दौरान तीन लोग दाखिल हुए। उनके हाथों में हथियार थे। उन्होंने सिपाही के सिर पर पिस्तौल तान दी और एक सफेद वाहन में जबरदस्ती डालकर ले गए। रविवार सुबह 9.30 बजे उनका शव खुनिंगथेक गांव से बरामद किया गया। उनके सिर में एक गोली मारी गई थी।

सेना ने परिवार की सहायता के लिए भेजी टीम

उनकी पहचान भाई ने की। कोम के परिवार में पत्नी, बेटी और बेटा हैं। सेना ने शोक संतप्त परिवार की सहायता के लिए टीम भेजी है। थांगथांग, 8वीं असम रेजिमेंट से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद कुछ साल पहले डीएससी में फिर से नियुक्त हुए थे। वे छुट्टी पर थे और उन्हें सोमवार को ज्वाइन करना था। उनकी पत्नी सोमिवोन कोम ने कहा कि उनका परिवार अपने दो बच्चों की पढ़ाई के लिए हैप्पी वैली इलाके में रह रहा है।

मणिपुर हिंसा के अब तक 175 से ज्यादा लोगों की मौत

आपको बता दें कि इस जातीय संघर्ष में चार महीने के दौरान कम से कम 175 लोग मारे गए और 1,108 अन्य घायल हुए हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि मई की शुरू हुई हिंसा में अब तक 4,786 घरों को आग लगा दी गई है, जबकि 386 धार्मिक स्थलों को तोड़ दिया गया है।

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