Manipur: हिंसा के बाद मणिपुर में उठी राज्य के विभाजन की मांग, BJP विधायकों ने केंद्र के सामने उठाया मुद्दा
Manipur मणिपुर में बीते दिनों हुई जातीय हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हो गई जबकि 315 से ज्यादा लोग घायल हुए। राज्य में जातीय के आधार पर हुई हिंसा ने मणिपुर को विभाजित कर दिया है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 04 Jun 2023 02:02 PM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर में बीते दिनों हुई जातीय हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हो गई, जबकि 315 से ज्यादा लोग घायल हुए। राज्य में जातीय के आधार पर हुई हिंसा ने मणिपुर को विभाजित कर दिया है।
अलग-अलग है मेतेई और कुकी समुदाय का मत
पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी आदिवासियों को लगता है कि एक अलग राज्य ही इसका एकमात्र समाधान है। हालांकि, मेतेई समुदाय जो अनुसूचित जनजाति श्रेणी के दर्जा की मांग कर रहे, वह किसी भी प्रकार के विभाजन या किसी अलग व्यवस्था के सख्त खिलाफ हैं।
3 मई को भड़की थी राज्य में हिंसा
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को हुई जातीय हिंसा के कारण पहाड़ियों और घाटी दोनों में बड़े पैमाने पर लोगों का विस्थापन हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों पर रहने वाले गैर-जनजातीय मेइती लोग घाटी की ओर भाग गए हैं और घाटी में रहने वाले कुकी आदिवासियों ने पहाड़ियों की ओर पलायन कर लिया है। जो स्पष्ट रूप से दो समुदायों और विभिन्न भौगोलिक स्थानों के बीच विश्वास की कमी को दर्शाता है।पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों के बीच विभाजन या विकास असमानता हमेशा मणिपुर में एक राजनीतिक बहस रही है। दरअसल, समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पूर्वोत्तर के चार राज्यों असम, मेघालय और मिजोरम में तीन-तीन जनजातीय स्वायत्त जिला परिषदें मौजूद हैं। इसके अलावा त्रिपुरा में जिला परिषद मौजूद है, लेकिन मणिपुर में जनजातियों की बड़ी उपस्थिति के बावजूद संवैधानिक स्वायत्त निकाय नहीं हैं।
मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने पढ़ाई को लेकर जताई चिंता
जातीय हिंसा के बीच चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने ताजा हालातों को देखते हुए चिंता व्यक्त की है और उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए एक सुरक्षित स्थान की मांग की है। छात्रों का पहला बैच नव स्थापित मेडिकल कॉलेज में अपने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहा है। इस साल 6 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। कुल 100 छात्रों में से लगभग 60 छात्र मणिपुर के घाटी क्षेत्रों से हैं।