Manipur Violence: मणिपुर में आरोपितों को छुड़ाने के लिए प्रदर्शन, थानों पर हमले की कोशिश
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बिष्णुपुर काकचिंग थौबल इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में पुलिस स्टेशनों पर धावा बोलने की कोशिश की। इनमें अधिकांश महिलाएं शामिल थीं। रैपिड एक्शन फोर्स और अन्य सुरक्षा बलों उनके इस प्रयास को विफल कर दिया। उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर बैरिकेड तोड़ दिए।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 21 Sep 2023 09:42 PM (IST)
इंफाल, आइएएनएस: मणिपुर में हाल ही में पुलिस की नकली वर्दी में हथियारों के साथ पकड़े गए लोगों को छुड़ाने के लिए गुरुवार को पांच जिलों में प्रदर्शन किए गए। गिरफ्तार किए गए लोगों को ग्राम सुरक्षा स्वयंसेवक बताते हुए विभिन्न नागरिक सुरक्षा संगठन उन्हें बिना शर्त छोड़ने की मांग कर रहे थे।
उन्होंने सामूहिक गिरफ्तारी देने का अभियान शुरू किया है। गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प भी हुई। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में पुलिस स्टेशनों पर धावा बोलने की कोशिश की। इनमें अधिकांश महिलाएं शामिल थीं।
यह भी पढ़ें: Manipur violence: मैतई समुदाय ने नार्को कुकी से मणिपुर सहित पूरे भारत को बताया खतरा
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
रैपिड एक्शन फोर्स और अन्य सुरक्षा बलों उनके इस प्रयास को विफल कर दिया। उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर बैरिकेड तोड़ दिए। इसे देखते हुए अधिकारियों ने घाटी के विभिन्न जिलों में नियमित कर्फ्यू छूट अवधि रद कर दी। पांचों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर विभिन्न नागरिक संगठनों और स्थानीय क्लबों द्वारा 48 घंटे के बंद के आह्वान से मैतेई समुदाय के प्रभुत्व वाले पांच जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
यह भी पढ़ें: मीरा पैबी समूह के कारण इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित, स्थानीय क्लबों ने 48 घंटे के बंद का किया आह्वान