Manipur Violence: इंफाल घाटी के विद्रोही संगठन के साथ शांति समझौता करेगी राज्य सरकार, CM ने कहा - बहुत जल्द खत्म होगी वार्ता
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। सीएम एन बीरेन सिंह ने हिंसा के बाद आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा है कि हम जल्द ही एक बड़े विद्रोही संगठन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 26 Nov 2023 01:50 PM (IST)
एजेंसी, इंफाल। मणिपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बड़ा दावा किया है। दरअसल, एन बीरेन सिंह ने कहा है कि हम आगे बढ़ रहे हैं और हम जल्द ही एक बड़े विद्रोही समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद कर रहे हैं। मणिपुर हिंसा के बाद राज्य में शांति स्थापित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार कई बड़े कदम उठा रही है।
विद्रोही संगठन के साथ होगा शांति समझौता
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, "हम जल्द ही एक बड़े विद्रोही संगठन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। हमारी बातचीत अंतिम चरण में है।" हालांकि, अपनी बातचीत के दौरान उन्होंने किसी भी संगठन का नाम नहीं लिया है।
पहली बार आधिकारिक तौर पर हुई पुष्टि
मालूम हो कि 3 मई को मणिपुर में हुई जातीय हिंसा भड़कने के बाद सरकार लगातार मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रही है, लेकिन ऐसा पहली बार है कि उन्होंने इस तरह की बातचीत की आधिकारिक पुष्टि है। इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि सरकार प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के एक गुट के साथ बातचीत कर रही थी।3 मई को भड़की थी हिंसा
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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मणिपुर भाषा में संविधान का दिग्लोट संस्करण जारी
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आज इम्फाल में मणिपुरी भाषा 'मैतेई मायेक लिपि' में भारत के संविधान का दिग्लोट संस्करण जारी किया। इस मौके पर सीएम ने कहा, "हमें वास्तव में भारत के संविधान पर गर्व है। हम, मणिपुर के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री की समग्रता की सोच और छोटे कारकों की पहचान के लिए उनकी अत्यधिक सराहना करेंगे।"
उन्होंने कहा, "मणिपुर एक बहुत छोटा राज्य है, हमारा जनसंख्या बहुत कम है, लेकिन प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के माध्यम से, हम भारत के 'सबसे लंबे और महानतम लिखित' संविधान को अपनी लिपि में प्रकाशित करने में सक्षम हुए हैं।"यह भी पढ़ें: Arunachal Pradesh :'सीमा की सुरक्षा के लिए फिट और सतर्क रहें सैनिक', राज्यपाल ने वालोंग में जवानों का बढ़ाया हौसला#WATCH | Manipur CM N Biren Singh today released the Diglot Edition of the Constitution of India in Manipuri Language (Meitei Mayek Script), in Imphal. pic.twitter.com/8oAJ8S50BV
— ANI (@ANI) November 26, 2023